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पुलिस लाइन के क्वार्टर से हटेगा अवैध कब्जा

देवघर: दोहरे हत्याकांड के आरोपित जवान सुधीर कुमार को निलंबित कर दिया गया. इसकी पुष्टि करते हुए डीआइजी ददन जी शर्मा ने कहा कि सुधीर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. ऐसे में उसे निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी. कोर्ट में आरोप सिद्ध होने के बाद आरोपित जवान के खिलाफ बरखास्तगी की प्रक्रिया […]

देवघर: दोहरे हत्याकांड के आरोपित जवान सुधीर कुमार को निलंबित कर दिया गया. इसकी पुष्टि करते हुए डीआइजी ददन जी शर्मा ने कहा कि सुधीर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. ऐसे में उसे निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी.

कोर्ट में आरोप सिद्ध होने के बाद आरोपित जवान के खिलाफ बरखास्तगी की प्रक्रिया शुरू करायी जायेगी. घटना जघन्य है, जो माफी योग्य नहीं है. डीआइजी ने घटना स्थल की विस्तृत जांच की. इसके बाद जसीडीह थाना गये. वहां हिरासत में लिये गये आरोपितों से भी एक-एक कर पूछताछ की.

क्वार्टर खाली कराने का निर्देश
डीआइजी ददनजी शर्मा ने जांच के दौरान पाया कि जो जवान इस जिले से तबादला होकर अन्यत्र चले गये. ऐसे जवानों का अब भी पुलिस क्वार्टर पर अवैध कब्जा है. अविलंब ऐसे पुलिस क्वार्टर को डीआइजी ने खाली कराने का निर्देश एसपी को दिया है. एसपी आरके प्रसाद के अनुसार एक सप्ताह के अंदर सभी पुलिस क्वार्टर को अवैध कब्जे से खाली कराया जायेगा. सुरक्षा के ख्याल से अवैध कब्जा गलत है. यहां से तबादला हुए पुलिस कर्मियों को समय दिया गया है. जो खुद क्वार्टर छोड़ कर नहीं जायेंगे. उनके आवास को सप्ताह भर के अंदर जबरन खाली करा दिया जायेगा.

लापता होने के दिन हत्या
पुलिस लाइन व जसीडीह थाना के बीच तालाब से 27 मई को बरामद दोनों छात्रओं की शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चौंकानेवाले तथ्य सामने आये हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दोनों छात्रओं की हत्या 36 से 48 घंटे पूर्व किये जाने की पुष्टि हो रही है. दोनों छात्रएं 26 की शाम को लापता हुई थी. 27 की शाम को दोनों की लाश बरामद हुई थी. वहीं पोस्टमार्टम 28 की सुबह सदर अस्पताल के त्रिसदस्यीय डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड ने किया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि दोनों के शरीर में गंभीर चोट व रेप की पुष्टि हो रही है.

बच सकती थी जान
एक छात्र के चाचा ने पुलिस को ही जांच के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया है. इस संबंध में मीडिया के माध्यम से उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. पुलिस की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रभारी थानेदार से न्याय की गुहार लगाते रहे बावजूद उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं लिया था. अगर पुलिस अलर्ट रहती तो भतीजी की जान बच सकती थी. वहीं आरोपित भी पकड़े जाते. ऐसे लापरवाह पुलिस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई ही नहीं बल्कि हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

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