देवघर: समाज में इन दिनों नशापान को कुछ लोगों ने शान बना लिया है. नशा सेवन से कुछ भी लाभ नहीं मिलता है. इससे जिंदगी की औसतन आयु कम होती जा रही है.
विशेष कर युवा वर्ग ने तो नशा को फैशन मान लिया है. हर समुदाय के लोग इसकी चपेट में हैं. इससे जो उबार पाना चाहता है, उन्हें दृढ़ संकल्प लेने की जरूरत है. किसी भी प्रकार का नशा शरीर के लिए हानिकारक है. नशा के सागर में गोता लगाने वाले चंद्रशेखर प्रसाद सिंह इन दिनों समाज में आदर्श बने हुए हैं. निगम क्षेत्र के स्थित नेताजी रोड के निकट अपना आशियाना बनाये हैं. पेशे से एडवोकेट हैं. पहले जब नशा की चपेट में थे तो जीवन पशुवत प्रतीत हुआ करता था. पिताजी की डांट, कुटुंब का ताना हमेशा सुनने को मिलता था.
इधर तीन-चार साल पहले इन्होंने अपनी पत्नी के दबाव पर तथा पिता के सम्मान की रक्षार्थ नशा सेवन का कार्य सदा के लिए अलविदा कह दिया. पहले तो काफी दिक्कतें हुई, लेकिन अब बहुत ही सुखद अनुभूति मिल रही है. देह में न तो तनाव का संचरण होता है और न आवेश के भाव झलकते हैं. अजीब का शकुन मन में मिल रहा है.
श्री सिंह कहते हैं कि शरीर में निकोटिन की मात्र अब नहीं के बराबर है. यहां तक कि कोल्ड ड्रिंक्स का भी सेवन छोड़ दिये हैं. वैसे लोग कहा करते हैं कि ‘नशा का जो हुआ शिकार, उजड़ा उनका घर-परिवार’ वाकई में सटीक उतरता है. समाज को गलत दिशा में नशे की लत वाले नागरिक ले जा रहे हैं. सेहत व लंबी आयु पाने के लिए किसी भी प्रकार के नशा का पान नहीं करने की सलाह देने वाले चिकित्सक के आभारी हैं. श्री सिंह का मानना है कि पहले उनके शरीर में ताजगी का एहसास नहीं हुआ करता था, अब देह में काफी स्फूर्ति मिल रही है.