नयी दिल्ली: कामगारों के लिए खुशखबरी. सब ठीक-ठाक रहा, तो आपको मूल वेतन की बजाय पूरे वेतन पर पीएफ का लाभ मिलेगा.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) इस पर काम कर रहा है. रिपोर्ट अभी केंद्रीय श्रम मंत्रालय के पास है. श्रम मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही इपीएफओ इसे लागू करने की तैयारी में है. सरकार भी इसे लागू करना चाहती है. इसे लागू करने के बाद कोई कानूनी अड़चन न आये, इसलिए इपीएफओ बोर्ड फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है.
हालांकि, उद्योग जगत इसका विरोध कर रहा है. वर्तमान में नियोक्ता मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर 12 प्रतिशत देकर इतिश्री कर लेते हैं, जबकि कई कंपनियां तो यह भी नहीं देती. पहले भी हुई थी कोशिश इपीएफओ ने पिछले साल इस बदलाव को लेकर सभी कंपनियों को एक सर्कुलर भेजा था.
कंपनियों के भारी विरोध के चलते और इस सोच के चलते कि कामगार जो वेतन घर ले जायेगा, उसमें कमी आयेगी, सर्कुलर वापस ले लिया गया था. उद्योग के विरोध पर सरकार का जवाब सरकार ने उद्योग जगत के विरोध के जवाब में कहा है कि इपीएफओ सदस्यता उन कर्मचारियों के लिए जरूरी है, जो 6,500 रुपये प्रति माह कमाते हैं. इससे ऊपर वेतन लेनेवाले कर्मचारी चाहें, तो योजना से खुद को अलग कर सकते हैं.
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