नयी दिल्ली : टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले से जुड़े सवालों से बचने पर दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व कारपोरेट लाबिस्ट नीरा राडिया को चेतावनी दी. इस मामले में राडिया को ‘संवेदनशील’ एवं ‘अहम’ गवाह माना जाता है.
राडिया ने जब काफी धीमी आवाज में और सवालों का सीधा जवाब नहीं दिया तो विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने उनसे कहा, ‘‘आप काफी संवेदनशील गवाह है. आप संक्षिप्त और स्पष्ट उत्तर दें.’’ सीबीआई अभियोजक ने जब पूछा कि टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड को साल 2005 में आदेवन के काफी बाद में 2008 में क्यों सीडीएमए लाइसेंस दिश गया तो राडिया ने इस प्रश्न को टालने का प्रयास किया. इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप सवाल को टालने का प्रयास कर रही हैं. यह काफी सरल प्रश्न है.’’न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ कृपया, थोड़ा जोर से बोलें. केवल अपने आप या लोक अभियोजक से बात नहीं करें. आपका जवाब सुनाई देने योग्य होना चाहिए. इस मामले में आरोपी व्यक्ति, बचाव पक्ष के वकील और अन्य लोग रुचि रखते हैं. इसलिए आपकी आवाज सुनाई देने योग्य होनी चाहिए.’’
स्नातक तक शिक्षा प्राप्त करने वाली 53 वर्षीय राडिया से न्यायाधीश ने कहा कि वह बुद्धिमान पेशेवर है और उसे प्रश्नों को समझने के बाद ही उत्तर देना चाहिए. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘कृपया सवालों को ठीक ढंग से समझे. मैंने मीडिया की खबरों में पढ़ा है कि आप काफी बुद्धिमान है और पेशेवर भी हैं. इसलिए पहले सवालों को समङो और फिर उत्तर दें.’’ अदालत ने सीबीआई से भी संक्षिप्त और विशिष्ठ सवाल पूछने को कहा. अदालत ने कहा कि राडिया काफी संवेदनशील गवाह है. अदालत ने सीबीआई अभियोजक से कहा, ‘‘ गवाह काफी संवेदनशील है. गवाह काफी महत्वपूर्ण है. कृपया संक्षिप्त और विशिष्ट प्रश्न पूछें.’’