गया: कूड़ा उठाव व पेयजल पर टैक्स लगाने के लिए नगर विकास विभाग द्वारा भेजे गये प्रस्ताव को गया नगर निगम ने नकार दिया. सोमवार को जवाहर टाउन हॉल में निगम बोर्ड की आयोजित बैठक में पार्षदों ने सरकार के इस प्रस्ताव पर विरोध दर्ज कराया. पार्षदों ने कहा कि इस मामले में काफी संशोधन की जरूरत है.
पार्षदों का कहना था कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से सरकार कूड़ा व पेयजल का टैक्स ले, पर आम लोगों से टैक्स नहीं वसूला जाना चाहिए. पार्षदों के विरोध पर टैक्स के प्रस्ताव को बोर्ड की अगली बैठक में चर्चा में लाने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा पितृपक्ष मेले में प्रकाश, पेयजल, सफाई, नाले-नालियों का निर्माण, मरम्मत, विभिन्न वेदियों तक जाने के लिए रोड, रामशिला पहाड़ व उसकी सीढ़ियों पर शेड का निर्माण, रोप-वे के निर्माण में आने वाले खर्च का प्राक्कलन तैयार करने को कहा गया, ताकि इसमें खर्च होने वाले राशि के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जा सके. सोमवार की बैठक में पिछले बैठक में लिये गये निर्णयों को मंजूरी दी गयी.
मेयर से मांगा इस्तीफा
बैठक के दौरान कई बार महिला पार्षदों ने ‘कानून के विपरीत काम करनेवाली मेयर वापस जाओ, धोखाधड़ी करनेवाली मेयर वापस जाओ’ लिखे तख्तियों को लहरा कर मेयर के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव, ब्रजभूषण प्रसाद कल्लू, उपेंद्र कुमार भी मेयर का विरोध करते नजर आये. पार्षद चितरंजन प्रसाद वर्मा ने डिप्टी मेयर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनसे भी इस्तीफे की मांग की.
भड़के डिप्टी मेयर
15 अप्रैल को बोर्ड की बैठक में सभी वार्डो में साढ़े नौ-नौ लाख रुपये दिये जाने के निर्णय को प्रोसिडिंग में शामिल नहीं किये जाने पर डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव भड़क गये. बैठक के दौरान ही उन्होंने कई बार इस पर आपत्ति जतायी और इसे नियम के विपरीत बताया.
नयी दर पर हो आवंटन
नगर विकास मंत्री के प्रतिनिधि डॉ आरएस नागमणि ने कहा कि निगम के कई दुकानों का एग्रीमेंट समाप्त हो चुका और वर्षो से उनका किराया भी लंबित है. उन्होंने सुझाव दिया कि दुकानों को नये सिरे से नयी दर पर आवंटित किया जाये, ताकि निगम की आय बढ़ सके.