मुंबई : आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में आज अदालत में पेशी के दौरान संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बिंदू ने कहा कि फिक्सिंग मामले में मयप्पन की कोई भूमिका नहीं है.जब उनसे यह पूछा गया कि क्या उन्हें इस मामले में फंसाया गया है, तो उन्होंने कहा कि अभी कुछ कहने का समय नहीं है.
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने आज एक अदालत को बताया कि पाकिस्तानी अंपायर को एक वांछित सट्टेबाज की ओर से दिए गए सिम कार्ड को बालीवुड अभिनेता बिंदू रंधावा के कहने पर नष्ट कर दिया गया था जबकि अभिनेता की पुलिस हिरासत 31 मई तक बढ़ाई गई. यह काम बहुचर्चित आईपीएल सट्टेबाजी कांड में अभिनेता की गिरफ्तारी से पहले किया गया था. अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ए. एम. पदवाड ने हवाला ऑपरेटर अल्पेश पटेल और सट्टेबाजों के कारिन्दे प्रेम तनेजा की पुलिस हिरासत की मुद्दत भी इसी मामले में 31 मई तक बढ़ा दी.
अभियोजक किरण बेंदबार ने आईपीएल सट्टेबाजी कांड में प्रमुख किरदार के रुप में उभरे रंधावा की हिरासत की अवधि बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि फरार सट्टेबाज संजय जयपुर ने विवादित पाकिस्तानी अंपायर रउफ को सिम कार्ड दिया था जिसे अभिनेता ने अपनी गिरफ्तारी से पहले उसे नष्ट करने को कहा था. बेंदबार ने कहा कि जांचकर्ताओं की मंशा बिंदू और रउफ तथा संजय जयपुर के बीच की साठगांठ की गहराई तक जांच करने की है. रउफ गलत कारणों से अतीत में चर्चा में रहे हैं.
एक रात के लिए एक लाख देता थाबिंदू
बिंदूदारा सिंह सिर्फ एक ऐक्टर या बुकी ही नहीं, सेक्स रैकेट से भी जुड़ा हुआ था. मुंबई क्राइम ब्रांच सूत्रों का दावा है कि किसी क्रिकेटर या अंपायर को खुश करने के लिए वह जिन मॉडल्स को अलग-अलग होटलों में भेजता था, उसके लिए वह हर मॉडल को एक रात के लिए एक लाख रुपये देता था.
ऐसी ही दो मॉडल्स के सीसीटीवी फुटेज मुंबई क्राइम ब्रांच के हाथ लगे है. ये फुटेज जुहू के नोवेटेल होटल के हैं, जहां बिंदू का खास दोस्त बुकी पवन जयपुर ठहरा हुआ था. बिंदूने पवन और उसके भाई संजय को अपनी गिरफ्तारी से ठीक एक दिन पहले दुबई भगा दिया था. क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि संजय अपने भाई पवन के साथ नहीं, बल्कि जुहू के दूसरे होटल ऑकवुड में ठहरा था. मुंबई क्राइम ब्रांच को अभी इस बात के सुराग या सबूत नहीं मिले हैं कि क्या संजय को भी मुंबई प्रवास के दौरान ऑकवुड होटल में मॉडल्स भेजी गई थीं.
क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि दोनों मॉडल्स उड़ीसा और हैदराबाद की मूल निवासी हैं, पर मुंबई में लोखंडवाला कॉम्पलेक्स में रहती हैं. क्राइम ब्रांच ने दोनो मॉडल्स से पूछताछ की है, पर क्रिकेट बेटिंग में उनका नाम अभी तक सामने नहीं आया है. विंदू पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ को भी उनके मुंबई प्रवास के दौरान मॉडल्स भिजवाता था, लेकिन अभी यह बात साफ नहीं हुई है कि क्या रऊफ को भेजी मॉडल्स वही हैं, जो पवन जयपुर को भेजी गई थीं. विंदू सिंह पवन और संजय जयपुर के मार्फत असद रऊफ के संपर्क में आया था. मुंबई क्राइम ब्रांच सूत्रों का दावा है कि भारत में रहने के दौरान पवन और संजय अंपायर रऊफ को इंडियन सिम कार्ड देते थे.
मुंबई क्राइम ब्रांच ने इन सिम कार्ड के जो प्रिंटआउट्स निकाले हैं, उनमें कई पाकिस्तानी नंबर मिले हैं, पर अभी यह बात साफ नहीं हुई है कि क्या ये नंबर रऊफ के पाकिस्तानी रिश्तेदारों के हैं या पाकिस्तानी बुकीज के. क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, ऐसा संभव ही नहीं कि जो पाकिस्तानी अंपायर इंडियन बुकीज के संपर्क में था, वह पाकिस्तान बुकीज के संपर्क में न हो. यह बात इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि रमेश व्यास नाम का वह बुकी इंडियन और पाकिस्तानी बुकीज को मोबाइल कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाइन कनेक्ट करके देता था, जो 14 मई को मुंबई में सबसे पहले पकड़ा गया.
पाकिस्तानी बुकीज रमेश व्यास को निश्चित तौर पर किसी मिडिल मैन के जरिए जानते होंगे. संभव है कि यह मिडिल मैन असद रऊफ ही हों. रऊफ 21 मई को दिल्ली से दुबई की फ्लाइट पकड़कर भाग गए. बाद में वह दुबई से पाकिस्तान चले गए. क्राइम ब्रांच आनेवाले दिनों में असद रऊफ को केंद्र सरकार के मार्फत समन भेजने वाली है.