गुडगांव: छत्तीसगढ़ में गत शनिवार को कांग्रेस के काफिले पर हुए नक्सली हमले में घायल हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्या चरण शुक्ल की हालत आज ‘गंभीर मगर स्थिर’ है.
मेदांता अस्पताल के अध्यक्ष डा नरेश त्रेहान ने बताया कि 84 वर्षीय शुक्ल की हालत गंभीर है और उम्र अधिक होने के कारण उनके स्वास्थ्य सुधार में थोड़ा अधिक समय लगेगा.
त्रेहान ने कहा, ‘‘ उनकी हालत गंभीर परंतु स्थिर है. वह कृत्रिम श्वसन प्रणाली (वेंटीलेटर) पर हैं और उनका डायलसिस हो रहा है. हम उनके शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं. वह लंबे समय तक आईसीयू में रहेंगे. उनकी उम्र अधिक होने के कारण इलाज लंबे समय तक चलेगा.’’ उन्होंने कहा कि उनकी आंत में चोट आई है और शरीर में जहरीले तत्व हैं.
त्रेहान ने कहा, ‘‘ शुक्ल को तीन गोलियां लगी हैं. दो गोलियां उनके सीने में लगी हैं और एक गोली उनके पेट में लगी है. उनके शरीर में कुछ अंगों के टुकड़े हो गए हैं. हमने उनका ऑपरेशन किया है. ऐसे मामलों में अकसर गुदरें पर दबाव पड़ता है.’’
विद्याचरण शुक्ल का परिचय
वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल का जन्म दो अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के रायपुर जिले (अब छत्तीसढ़)में हुआ है. उनके पिता पंडित रविशंकर शुक्ल एक वकील थे. विद्या चरण शुक्ल जवाहर लाल नेहरु के समय से कांग्रेस के विश्वासपात्र नेता रहे हैं. वे नौ बार लोकसभा में चुनकर आये. उन्होंने पहली बार 1957 में चुनाव लड़ा था. मध्यप्रदेश के महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से वे चुनाव लड़ते थे. 1957 में जब वे चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे तो वे सबसे युवा सांसद थे. 1966 में वे पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए. केंद्रीय मंत्रिमंडल में संचार, गृह, रक्षा, वित्त और सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे. आपातकाल के दौरान रेडियो और दूरदर्शन पर किशोर कुमार के गानों को प्रतिबंधित करके भी विद्याचरण शुक्ल चर्चा में आये थे.