-बिहार का महाराजगंज संसदीय उपचुनाव-
पटना : वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के पूर्व बिहार के महाराजगंज संसदीय क्षेत्र में आगामी दो जून को संपन्न होने वाले उपचुनाव से प्रदेश की राजनीति पर हालांकि बहुत अधिक प्रभाव नहीं पडने वाला है पर इस उपचुनाव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके घोर विरोधी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के लिए अपनी-अपनी लोकप्रियता मापने के एक अवसर के रुप में देखा जा रहा है.
इस उपचुनाव में चुनावी मैदान में डटे हुए उम्मीदवारों में कांग्रेस के जितेन्द्र स्वामी, राजद के प्रभुनाथ सिंह, जदयू के पी के शाही, भारतीय एकता दल के बालेन्द्र कुमार राय और दो निर्दलीय उम्मीदवार ओम प्रकाश सिंह और एवं विकास कुमार सिंह शामिल हैं. इस उपचुनाव में वैसे तो कुल छह उम्मीदवार अपने भाग्य आजमा रहे हैं पर इसमें मुख्यरुप से मुकाबला बिहार में सत्ताधारी दल जदयू के उम्मीदवार और नीतीश के मंत्रिमंडलीय सहयोगी पी के शाही और राजद उम्मीदवार प्रभुनाथ सिंह के बीच माना जा रहा है.
विदित हो कि महाराजगंज के राजद सांसद उमाशंकर सिंह के आकस्मिक निधन से इस क्षेत्र में उपचुनाव कराये जाने की आवश्यक्ता पडी. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में उमाशंकर के हाथों पराजित हुए तत्कालीन जदयू उम्मीदवार प्रभुनाथ सिंह पूर्व में तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं जबकि वर्तमान में जदयू उम्मीदवार पी के शाही प्रदेश के शिक्षा मंत्री हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे प्रभुनाथ सिंह जदयू छोडकर राजद में शामिल हो गए थे. वहीं दिवंगत राजद सांसद उमाशंकर सिंह के पुत्र जितेंद्र स्वामी को कांग्रेस अपना उम्मीदवार बनाकर इस उपचुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में लगी है.