भंडरा-लोहरदगा : प्रखंड में विकास के दावे तो बहुत किये जाते हैं. धरातल पर विकास योजनाएं कैसे पहुंचेगी, यह जिले के अधिकारियों को ही सुनिश्चित करना है. भंडरा प्रखंड में अभियंताओं की घोर कमी है. यहां प्रखंड में सहायक अभियंता के एक एवं कनीय अभियंता के दो पद स्वीकृत हैं.
वर्तमान में प्रखंड में न तो सहायक अभियंता पदस्थापित हैं और न ही कनीय अभियंता. इसी तरह मनरेगा में भी एक सहायक अभियंता एवं दो कनीय अभियंता के पद स्वीकृत हैं. पूरे प्रखंड का काम आरइओ के एक सहायक अभियंता एवं एक कनीय अभियंता के जिम्मे है. यहां प्रतिनियुक्त कनीय अभियंता सुभाष उरांव के पर 200 से भी अधिक योजनाओं की देखरेख की जिम्मेवारी है.
सिंचाई कूप निर्माण से लेकर सड़क निर्माण तक के कार्यो को देखने की जिम्मेवारी दी गयी है. नतीजतन ग्रामीण इलाकों में काम भगवान भरोसे हो रहा है. योजनाओं का समय पर मूल्याकंन नहीं होता है. इसके अभाव में मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं हो पा रहा है. नयी योजनाओं का प्राक्कलन भी नहीं बन पा रहा है. जिला से बीडीओ को लगातार दबाव होता है कि प्रखंड में संचालित विकास योजनाओं को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा करें.
– राजेश गुप्ता –