धनबाद: आदिकाल से आभूषण के प्रति नारियों का झुकाव रहा है. शादी-ब्याह में आभूषण की खरीदारी तो होती ही है, लेकिन त्योहारों में आभूषण की खरीदारी एक प्रचलन बन गया है. आज कल आभूषण की खरीदारी निवेश के रूप में भी होने लगा है. धनबाद बाजार में राजस्थानी कुंदन, जड़ाऊ व पोलकी की खूब डिमांड है.
मीणा जड़ा आभूषण को बंगाली समुदाय के लोग खूब पसंद करते हैं. पिछले दो माह में सोने के भाव में आयी गिरावट के बाद आभूषण की डिमांड काफी बढ़ा है. हालांकि आज भी लोग हल्के वजन के गहनों को ही पसंद कर रहे हैं. धनबाद बाजार में 15 लाख के डायमंड व 12 लाख के सोने के हार उपलब्ध है. हालांकि इसके ग्राहक कम है लेकिन माह दो माह में महंगे सेट की बिक्री होती है.
सोना कितना सोणा है
आभूषण बाजार में मिलावट भी खूब होती है. धनबाद में मात्र पांच प्रतिशत आभूषण तैयार किये जाते हैं. 95 प्रतिशत माल मेरठ, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता व मद्रास से रेडिमेड मंगाये जाते हैं. बाजार सूत्रों के मुताबिक शुद्ध सोना में आठ प्रतिशत कॉपर व सिल्वर मिलाया जाता है. लेकिन धनबाद बाजार में 20 से 30 प्रतिशत तक मिलावटी सोना बिकता है. आभूषण की चमक के लिए इरिडियम व रूथेनियम का भी खूब इस्तेमाल होता है.