रांची: राज्य में इंटरमीडिएट की पढ़ाई का सिस्टम फेल है. यहां इंटर की पढ़ाई चार स्तर पर होती है. पढ़ाई में एकरूपता नहीं है. इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. इंटर में एक सिलेबस के लिए तीन एकेडमिक कैलेंडर हैं. इंटर की पढ़ाई अंगीभूत कॉलेज, डिग्री संबद्ध कॉलेज, इंटर कॉलेज व प्लस टू स्कूल में होती है. अंगीभूत कॉलेज व डिग्री संबद्ध कॉलेज विवि के अधीन संचालित होते हैं.
प्लस टू स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा व इंटर कॉलेज शासी निकाय के अधीन संचालित होते हैं. विवि इंटरमीडिएट की पढ़ाई को लेकर कॉलेज को कोई दिशा-निर्देश नहीं देती. विवि इंटरमीडिएट की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी नहीं लेती. प्लस टू स्कूल माध्यमिक शिक्षा निदेशालय व इंटर कॉलेज झारखंड एकेडमिक काउंसिल के कैलेंडर के अनुरूप संचालित होती है. पूरे राज्य में इंटर की पढ़ाई में एकरूपता नहीं है. अंगीभूत कॉलेज, प्लस टू स्कूल व इंटर कॉलेज की अवकाश तालिका में भी एकरूपता नहीं है. राज्य में इंटर की पढ़ाई का सिस्टम फेल है. इस पर एक जगह से नियंत्रण नहीं होता. इसका नुकसान विद्यार्थियों को होता है.
कट ऑफ डेट तय नहीं
राज्य में इंटरमीडिएट में कब तक नामांकन हो व कक्षा कब से शुरू होगा, इसका कोई कट ऑफ डेट निर्धारित नहीं है. मैट्रिक के रिजल्ट के बाद नामांकन शुरू होता है. अंगीभूत कॉलेजों में जून तक नामांकन प्रक्रिया चलती रहती है. इंटर कॉलेजों में सितंबर-अक्तूबर तक नामांकन होता है. प्लस टू स्कूलों में भी सीट भरने तक नामांकन प्रक्रिया चलती रहती है. इस कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है.
एक साथ शुरू नहीं होती कक्षा
राज्य में शैक्षणिक सत्र अप्रैल माह से शुरू होता है. ऐसे में इंटर में 11वीं की पढ़ाई अप्रैल से ही शुरू हो जानी चाहिए, पर राज्य में सामान्यत: एक जून से इंटर की कक्षा शुरू करने का निर्देश झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की ओर से दिया जाता है, फिर भी इसका भी पालन नहीं होता. इंटर की पढ़ाईवाले सभी स्कूल-कॉलेज में एक साथ कक्षा शुरू नहीं होती. स्कूल-कॉलेज में जुलाई तक कक्षा शुरू होने की प्रक्रिया चलती रहती है.