कोलकाता : हजारों करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी सारधा समूह के चेयरमैन सुदीप्त सेन को शनिवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. सेन को तीन अलग-अलग मामलों में विधाननगर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) एएचएम रहमान की अदालत में पेश किया गया.
कोर्ट ने उसे 31 मई तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया. सुदीप्त गिरफ्तारी के बाद से पुलिस रिमांड पर था. सुदीप्त सेन के अधिवक्ता समीर दास से मिली जानकारी के अनुसार, सीजेएम ने आरोपी को कर्मचारियों को वेतन नहीं देने व चिटफंड घोटाले के दो मामलों में 22, 23 और 31 मई तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया.
सारधा के झारखंड में कारोबार की देखभाल करनेवाले अरविंद सिंह चौहान को भी अदालत ने 31 मई तक की न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है. सुदीप्त सेन और चौहान को दमदम सेंट्रल जेल भेजा गया है.
देबजानी अस्पताल में भरती
उधर, सारधा की निदेशक और आरोपी देबजानी मुखर्जी को शनिवार को तबीयत बिगड़ने की शिकायत पर सॉल्टलेक के आमरी अस्पताल में भरती कराया गया है. उसे अदालत में पेश नहीं किया जा सका.
देबजानी के वकील अनिर्वाण गुहा ठाकुरता के अनुसार, किसी आरोपी को दोबारा रिमांड पर लेने की स्थिति में उसे प्रत्यक्ष या टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश करना पड़ता है, लेकिन देबजानी के मामले में किसी भी तरह यह संभव नहीं हो सका है, इसलिए उनका मामला अभी भी विचाराधीन है.