नयी दिल्ली: झारखंड में जुलाई में विधानसभा चुनाव होने के बारे में जारी चर्चाओं के बीच कांग्रेस ने आज कहा कि वह एक सप्ताह में यह तय करेगी कि राज्य में वैकल्पिक सरकार के गठन का प्रयास किया जाये या ताजा जनादेश के लिए आगे बढा जाये.
पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड मामलों के प्रभारी शकील अहमद ने यहां कहा कि इस मुद्दे पर एक सप्ताह में निर्णय किया जायेगा. इस मुद्दे पर राज्य पार्टी इकाई की राय बंटी हुई है. झारखंड में पिछले जनवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है.अहमद की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय आयी है जब राज्य से पार्टी के अनेक विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और राज्य में वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए पार्टी नेतृत्व पर दबाव बना रहे हैं.
विधायकों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कल पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा है. राज्य में कांग्रेस के ज्यादातर नेता वैकल्पिक सरकार के गठन के पक्ष में हैं लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अनिच्छा के चलते अब तक वैकल्पिक सकार का प्रयास परवान नहीं चढ पाया है.राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 13 विधायक हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के 18 और झारखंड विकास मोर्चा के 11 और राजद के पांच विधायक हैं. इसके अलावा आजसू के छह, जदयू के दो और दो निर्दलीय विधायक हैं.