रांची: राज्य भर में खराब पड़े 17 हजार टय़ूबवेल बदले जायेंगे. पेयजल और स्वच्छता विभाग ने खराब टय़ूबवेल को बदलने के प्रस्ताव पर कार्य करना शुरू कर दिया है. टय़ूबवेल बदलने से संबंधित संचिका राज्यपाल डॉ सैयद अहमद की सहमति के लिए राजभवन भेजी गयी है. इन टय़ूबवेल के रिप्लेसमेंट में एक अरब से अधिक का खर्च का अनुमान है.
राज्यपाल डॉ अहमद ने छह मई को विभागीय योजनाओं की समीक्षा के क्रम में ग्रामीण इलाकों में खराब चापानलों को बदलने का निर्देश दिया था. उन्होंने विभाग के अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई करते हुए निविदा आमंत्रित करने को कहा था. विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद ने कहा है कि प्रस्ताव में टय़ूबवेल के साथ-साथ शॉक पिट बनाने और सात मीटर नाली भी बनायी जायेगी. उन्होंने कहा कि पहली बार जल सहिया के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में तीन-तीन सौ रुपये प्रति टय़ूबवेल की राशि का भी प्रावधान किया गया है.
प्राक्कलन बढ़ा : राजधानी के 13 नये इलाकों में क्रियान्वित हो रही नयी शहरी जलापूर्ति योजना की लागत 80 करोड़ रुपये बढ़ायी गयी है. पहले 288 करोड़ थी. योजना का क्रियान्वयन पेयजल और स्वच्छता विभाग की ओर से किया जा रहा है. जलापूर्ति योजना में छह लाख की नयी आबादी को पीने के पानी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है.