नयी दिल्ली: मंत्रिमंडल सचिवालय ने प्राकृतिक गैस की सभी दरों को लगभग दोगुना करने के पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कहा है कि रक्षामंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह को इसका अधिकार नहीं है.
मंत्रालय ने इस बारे में एक प्रस्ताव का मसौदा अधिकार संपन्न मंत्री समूह (ईजीओएम)के विचारार्थ भेजा था. इसमें देश में सरकारी कंपनी ओएनजीसी या निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज सभी सभी द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत रंगराजन समिति की सिफारिश के अनुसार तय करने का प्रस्ताव था.
मंत्रिमंडल सचिवालय ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए लौटा दिया है कि नया कीमत फार्मुला मंत्री समूह की के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. रंगराजन समिति के फार्मूले के आधार पर यदि नयी कीमत तय हो तो गैस की दर मौजूदा 4.2 डालर प्रति एमबीटीयू से बढ़कर लगभग 8 डालर एमबीटीयू हो जाएगी. कैबिनेट सचिवालय ने दो अप्रैल को मंत्रालय को लिखा है, ईजीओएम को नई उत्खनन नीति के तहत आने वाले ब्लाकों से उत्पादित गैस के वाणिज्यिक उपयोग के मुद्दे पर विचार तथा फैसला करना था. मौजूदा प्रस्ताव ईजीओएम के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता.
मंत्री समूह का गठन मूल रुप से 2008 में रिलायंस इंडस्टरीज द्वारा केजी-डी6 से प्रस्तावित प्राकृतिक गैस के उत्पादन की वाणिज्यिक उपयोगिता पर विचार करने के लिए किया गया था. सचिवालय ने कहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय या तो इस ईजीओएम के अधिकार क्षेत्र में विस्तार के बारे में एक प्रस्ताव रखे या आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के विचारार्थ नोट (परिपत्र) लाये.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.