21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उचित देखभाल न होने से मर रहीं मछलियां

* कुपोषण की शिकार हुईं वेणुवन की आकर्षक मछलियां* मरी मछलियों को गाड़ने की जगह फेंका जा रहा झाड़ी व कैनाल में* पर्यटकों से लाखों रुपये मिलता है राजस्व* तीन-चार दिनों के अंतराल पर मर रही हैं मछलियांराजगीर (नालंदा) : वन विभाग द्वारा पोषित वेणुवन और तालाब की मनमोहक मछलियां विभागीय उपेक्षा और अधिकारियों की […]

* कुपोषण की शिकार हुईं वेणुवन की आकर्षक मछलियां
* मरी मछलियों को गाड़ने की जगह फेंका जा रहा झाड़ी व कैनाल में
* पर्यटकों से लाखों रुपये मिलता है राजस्व
* तीन-चार दिनों के अंतराल पर मर रही हैं मछलियां
राजगीर (नालंदा) : वन विभाग द्वारा पोषित वेणुवन और तालाब की मनमोहक मछलियां विभागीय उपेक्षा और अधिकारियों की लापरवाही के कारण मर रही हैं. तीन-चार दिनों के अंतराल पर सैकड़ों मछलियां को निकाला जा रहा है. पहले तालाब में एक भी मछली मरती थी, तो उसे विभागीय संरक्षण अधिनियम के तहत जमीन में गाड़ा जाता था. मरने का कारण विशेषज्ञों द्वारा पता लगाया जाता था और उसके रिकार्ड रखे जाते थे.

आश्चर्य की बात है कि जिन आकर्षक मछलियों को देखने और चारा खिलाने पर्यटक से लेकर सीएम तक आते हैं. यहां प्रवेश शुल्क से वार्षिक लाखों रुपये राजस्व प्राप्त होता है. उस वेणुवन की बदहाली विभागीय उपेक्षा की पोल खोल कर रख दी है. इतना ही नहीं मरी मछलियों के नाम पर जिंदा मछलियां को भी लोग पार कर रहे हैं. वेणुवन एक श्रमिक के सहारे चल रहा है.

यहां एक वनपाल, रेंज पदाधिकारी, बड़ा बाबू, दर्जनों दैनिक वेतनभोगी मजदूरों पर सरकार लाखों रुपये प्रतिमाह खर्च कर रही है. आदेश के बाद भी वेणुवन के अंदर की स्थितियां नहीं बदली. चहुंओर गंदगी और अंधकार रहा है. न पेड़ों की संख्या बढ़ी है और न ही सफाई की उत्तम व्यवस्था हो सकी है. इतना ही नहीं, वेणुवन में एक बल्ब लगाने के लिए विभाग के पास राशि नहीं है.

जानकारों के अनुसार मछलियों की मौत विभागीय उपेक्षा और कुपोषण के कारण हुई है. वहीं, विभागीय लोग तालाब में पानी की कमी और मछली की संख्या अधिक होना बताते हैं. उच्चस्तरीय जांच से ही पता चलेगा कि आखिर कैसे मछलियां मर रही हैं.

* सफाई ठेकेदार होंगे ब्लैक लिस्टेड
कुंड क्षेत्र में गंदगी की शिकायत और सफाई ठेकेदार की लापरवाही से परेशान एसडीओ रचना पाटिल ने ठेका रद्द करने और काली सूची में डालने का निर्णय लिया है.

बता दें कि ब्रह्मकुंड और सूर्यकुंड क्षेत्र गंदगी से बजबजा रहा है. सफाई का जिम्मा पर्यटन सफाई कर्मी के हाथों है, जो विगत एक सप्ताह से गायब है. सड़क की सफाई नगर पंचायत करा रही है. पर, उक्त दोनों क्षेत्रों की सफाई बाधित है.

इतना ही नहीं सूर्य कुंड और चंद्रमा कुंड में अधिक पानी जमा हो गया है. अनुरोध करने पर नगर कार्यपालक शिव शंकर प्रसाद ने कुंडों की जलनिकासी तो करवा दी, पर उक्त परिसर की सफाई नहीं हो पायी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें