भागलपुर: सरकारी प्लस टू स्कूलों की स्थिति पिछले साल जिस तरह की थी, उसमें इस साल भी कोई तब्दीली नहीं आयी है. प्लस टू के 22 स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था. आज भी यही स्थिति है. शिक्षकों की कमी पूरी नहीं हो पायी है.
भवन भी आधा-अधूरा ही है. सभी 22 स्कूलों में प्लस टू बिल्डिंग वर्षो से अधूरा पड़ा है. भवन निर्माण पूरा करने के लिए 3.44 करोड़ रुपये जिले के शिक्षा विभाग के खाते में पड़ा हुआ है. निर्माण एजेंसी के भागलपुर आने का इंतजार किया जा रहा है.
पिछले साल की तुलना में इस बार लगभग 3000 अधिक परीक्षार्थियों ने मैट्रिक की परीक्षा दी है. कॉलेजों में जहां इंटर की पढ़ाई होती है, वहां सीटें निर्धारित हैं. ऐसी स्थिति में अतिरिक्त छात्रों को स्कूल में ही नामांकन कराना पड़ेगा. शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पायी है. नियोजन के अलावा और कहीं से शिक्षक के नियुक्त होने की संभावना नहीं दिख रही है. स्कूल में न शिक्षक हैं, न भवन. छात्र-छात्रएं नामांकन करा भी लेंगे, तो ट्यूशन का ही सहारा लेना पड़ेगा.