* झड़प के कारण शिविर का काम एक घंटे तक बाधित रहा
उदाकिशुनगंज : उदाकिशुनगंज में चल रहे नि:शक्तता जांच शिविर में रविवार को विधि व्यवस्था को मुद्दे को लेकर एसडीओ व एक पुलिस पदाधिकारी के बीच झड़प हो गयी. इस क्रम में दोनों तरफ से अभ्रद शब्दों का प्रयोग किया गया.
झड़प के कारण शिविर का कार्य एक घंटे तक बाधित रहा. यहां तक की स्वयं डीएम उपेंद्र कुमार ने आकर स्थिति संभाला. इस मामले में पुलिस ने एसडीओ के विरूद्ध प्राथमिकी करने व संघ में जाने की बात कही है.
* क्या है मामला
एसडीओ दीपक कुमार साह द्वारा शिविर के दौरान डयूटी स्थल से अलग रहने पर ग्वालपाड़ा थाना में पदस्थापित दरोगा बीबी सिंह को अभ्रद बात कहने को लेकर गहरा गया. ग्वालपाड़ा के उक्त दरोगा शिविर डयूटी में भाग ले रहे थे.
बताया जाता है कि उमस भरी गरमी के बीच डयूटी पर तैनात दरोगा अलग हट कर पानी पीने के लिए गये थे. उसके वापस डयूटी पर आने पर एसडीओ ने उसे जम कर खड़ी खोटी सुनायी और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया. यह बात बगल में खड़े उदाकिशुनगंज के थानाध्यक्ष सुरेश राम को नागवार लगी. एसडीओ के इस व्यवहार को पीड़ित थानाध्यक्ष सहन नहीं कर सका.
लगे हाथ उदाकिशुनगंज के दरोगा ने भी एसडीओ को भला-बुरा कहा. इसके बाद सभी पुलिस एक जुट होकर एसडीओ के विरूद्ध हो गये. स्थिति को भांपते हुए एसडीओ कला भवन कक्ष में चले गये. इसके कुछ ही देर बाद जिलाधिकारी उपेंद्र कुमार पहुंचे और घटना की जानकारी लेते हुए एसडीओ से पूछ-ताछ की. जहां एसडीओ ने पुलिस कर्मियों से क्षमा मांगा. किंतु गुस्साये पुलिस कर्मी एसडीओ की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थे.
तत्क्षण ही उदाकिशुनगंज के थानाध्यक्ष ने मोबाइल पर घटना की जानकारी वरीय पदाधिकारी को दी. जानकारी मिलने पर एसडीपीओ मनोज कुमार सुधांशू वहां पहुंचे और पुलिस पदाधिकारी से घटना की विस्तृत जानकारी ली.
पुलिस कर्मियों ने वरीय पदाधिकारी से आग्रह किया कि एसडीओ के विरूद्ध प्राथमिकी की जाय और शीघ्र ही गिरफ्तारी हो. पुलिसकर्मियों का कहना था कि उक्त पुलिस अधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई नहीं की गयी, तो वे मामले को पुलिस संघ में ले जायेंगे और हड़ताल करेंगे.
इधर मामले को आगे बढ़ते देख उदाकिशुनगंज के डीसीएलआर राजेश कुमार गुप्ता, अंचलाधिकारी शिव कुमार पौद्दार पुलिस पदाधिकारी के साथ मामले को शांत करने में लगे थे. वहीं एसडीओ दीपक कुमार साह ने बताया कि मधेपुरा की घटना के बाद उदाकिशुनगंज में प्रशासन सजग थी, किंतु पुलिसकर्मी डयूटी को ठीक ढंग से नहीं करना चाहते थे.
विधि व्यवस्था को लेकर उन्होंने जब पुलिस पदाधिकारी को उनके कर्तव्य को बोध कराया, तो मामला उलझा दिया गया. जबकि वे स्वयं दिनभर शिविर के सफल संचालन में लगे हुए थे.