बरबीघा (शेखपुरा) : अवैध शराब निर्माण करने के आरोपित मुकेश कुमार को मल द्वार में डंडा घुसेड़ दिया गया था. जीवन और मौत से जूझने के बाद राहत के रूप में शनिवार को 25054 रुपये का चेक प्रदान किया गया.
जिला प्रशासन ने सदर अस्पताल के लेखापाल पद पर कार्यरत सुशील मिश्र को इस कार्य के लिए प्रतिनियुक्त किया था. रविवार को जब सुशील मिश्र मुकेश के गांव तोयगढ़ पहुंचे तो उनके घरवालों द्वारा मुकेश के अपने नानीघर स्थित ओहरी गांव में होने की सूचना मिली. दूरभाष पर जिला प्रशासन से ओहरी जाने के निर्देश प्राप्त होने पर सुशील मिश्र को ओहरी जाकर उन्हें चेक दिया गया.
बताते चलें कि मुकेश को पुलिस विभाग के अमानवीय व्यवहार के कारण जीवन और मौत से जूझना पड़ा था. दिल्ली एम्स से इलाज करा कर लौटने के बावजूद मुकेश को अभी एक और ऑपरेशन कराना बाकी है.
पीड़ित मुकेश को न्याय दिलाने के नाम पर गरमायी स्थानीय एवं राज्यस्तरीय राजनीति के कारण प्रखंड से लेकर जिला पुलिस के पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया गया था. 20 लाख नगद और पीड़ित मुकेश की पत्नी को सरकारी नौकरी की मांग को लेकर सप्ताह भर तक चले सर्वदलीय राजनीतिक आंदोलन का कोई विशेष परिणाम नहीं निकलने पर मामला धीरे-धीरे खुद ठंडे बस्ते में पड़ गया है. फिर भी पीड़ित मुकेश को जिला प्रशासन के द्वारा प्रदान की गयी 25054 रुपये की आर्थिक सहायता जिला प्रशासन द्वारा की गयी है.