बेंगलूर: कर्नाटक में तकरीबन 10 फीसदी वोट बटोर कर पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की पार्टी कर्नाटक जनता पक्ष ने सत्तारुढ भाजपा के मंसूबे पर पानी फेर ही दिया और इसने कांग्रेस को सत्ता में पहुंचा दिया.
शुरुआती विश्लेषण में यह तथ्य उभर कर आया कि कांग्रेस को 2008 में 34.59 प्रतिशत वोट की तुलना में करीब दो प्रतिशत अंकों की बढोतरी मिली और इससे उसकी सीटें 80 से बढकर 121 हो गयी.
कुछ मायने में इतिहास ने अपने आपको दोहराया है. पिछले चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत कांग्रेस की तुलना में करीब एक प्रतिशत कम था. फिर भी वह 110 सीट निकालने में कामयाब रही.
भाजपा का वोट प्रतिशत गिरकर करीब 20 प्रतिशत रह गया जो जेडीएस के बराबर है. पिछले बार जेडीएस 19.3 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल रही थी. पांच मई को हुये चुनाव में दोनों पार्टियों को 40-40 सीटें मिली है.
पिछले चुनाव में 110 सीट पाने के बाद इस बार 40 सीट पर सिमटने के पीछे के कारणों की व्याख्या कोई कठिन नहीं है. ऐसे में जब पार्टी को बेल्लारी और तटीय जिलों खासकर दक्षिण कन्नड़ में खासा नुकसान उठाना पड़ा.
करीब 100 निर्वाचन क्षेत्रों में येदियुरप्पा की केजेपी और बी श्रीरामुलू की बीएसआर कांग्रेस ने पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाया. दोनों पार्टियां कुल मिलाकर 10 सीट जीतने में सफल रही लेकिन भाजपा की संभावनाओं पर पानी फेर दिया.