मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में सत्र 2011 के पीएचडी कोर्स में एक साथ दो रेगुलेशन लागू होंगे. पीआरटी टेस्ट पास कर चुके वैसे छात्र जिन्होंने अपना सिनॉप्सिस एक जून 2012 के बाद जमा किया है, उन पर यूजीसी का रेगुलेशन 2009 लागू होगा. वहीं इससे पूर्व सिनॉप्सिस जमा करने वाले छात्रों को विकल्प चुनने का मौका मिलेगा. वे चाहे तो रेगुलेशन 2009 के आधार पर पीएचडी कोर्स पूरा कर सकते हैं, या फिर पुराने रेगुलेशन के आधार पर.
यह फैसला सोमवार को कुलपति डॉ रवि वर्मा के नेतृत्व में पीएचडी कोर्स के लिए बनी विशेष कमेटी ने लिया. इसके अन्य सदस्यों में प्रतिकुलपति डॉ राजेंद्र मिश्र, कुलसचिव डॉ एपी मिश्र व कुलानुशासक डॉ एके श्रीवास्तव शामिल थे. कमेटी के इस फैसले से पीआरटी पास कर चुके 852 छात्रों को राहत मिली है. विदित हो कि कुलपति ने शनिवार को ही विवि के पीएचडी कोर्स में रेगुलेशन 2009 लागू करने का फैसला किया था. इसके बाद इन छात्रों के पंजीयन शुल्क जमा करने पर रोक लगा दी थी.
छात्रों-छात्रओं को सिनॉप्सिस का देना होगा पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन सत्र 2011 में पीआरटी टेस्ट पास कर चुके छात्रों के सिनॉप्सिस की जांच के लिए डीआरसी व पीजीआरसी की बैठक हो
चुकी है. पर पीएचडी कोर्स में यूजीसी का रेगुलेशन लागू होने के साथ ही सैकड़ों छात्रों को एक बार फिर डीआरसी की प्रक्रिया से गुजरना होगा.
इस दौरान छात्र-छात्रओं को अपने सिनॉप्सिस के विषय का पावर प्वाइंट प्रजेंटेंशन करना होगा.
जून में शुरू हो सकता है कोर्स
यूजीसी के रेगुलेशन 2009 के तहत पीएचडी कोर्स के लिए सिनॉप्सिस जमा करने के बाद 180 दिनों के कोर्स का प्रावधान है. इसके लिए विवि प्रशासन जल्द ही सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक करेगी. इसमें कोर्स के प्रारूप, स्थान व रिसोर्स पर्सन पर चर्चा होगी. संभावना व्यक्त की जा रही है कि कोर्स जून माह से शुरू हो सकती है. कोर्स में छात्रों को चार पेपर पढ़ने होंगे. इसमें से एक रिसर्च मेथेडलॉजी व दूसरा कंप्यूटर अप्लिेकशन होगा. वहीं दो अन्य पेपर शोध के विषय से संबंधित होगा.