भागलपुर: काजीवलीचक स्थित यतीमखाना इसलामिया की जमीन बचाओ समिति के संयोजक सह जिला सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ मजहर अख्तर शकील, सैयद शाह हसन मानी, मो गुलाम शब्बीर व मो शाहिद मंजूर ने भूमि सुधार उपसमाहर्ता की अदालत में मानस कुमार मिश्र, मो इमरान व नूर आलम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
आवेदन में आरोप लगाया है कि की जमीन का फर्जी कागजात दिखा कर उक्त लोगों ने यतीमखाना की जमीन की रजिस्ट्री करा ली है. जमीन का म्यूटेशन गलत तरीके से किया गया है.
यह जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. डॉ मजहर अख्तर ने बताया कि जिन लोगों ने जमीन बेची या खरीदी है, उन्होंने गैर कानूनी तरह से कागजात तैयार किया है. 1936 में यह जमीन वक्फ बोर्ड को कुछ लोगों ने प्रदान की थी. उन्होंने कहा कि अनाथालय, यतीमखाना, मसजिद व मंदिर की खाली पड़ी जमीन को समाज के हर वर्ग के लोग मिल कर भू-माफिया से मुक्त करायेंगे. इस दिशा में हर समाज के लोग यतीमखाना जमीन बचाओ समिति का साथ देना के लिए आगे आ रहे हैं. इससे लेकर जल्द संगठन सभी समाज के लोगों के साथ एक बैठक करने जा रहा है.
ज्ञात हो कि विशनपुर जिछो स्थित यतीमखाना की 13 एकड़ जमीन 26 डिसमिल जमीन का फर्जी तरीके से कागजात बना कर यतीमखाना के पूर्व कर्मचारी मो इमरान ने मानस मिश्र को मात्र पांच लाख रुपये में बेच दी थी. जमीन बेचने के बाद से खंजरपुर निवासी इमरान घर से लापता है.