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आंबेडकरिज्म से दूर होगी मूलवासियों की दिक्कतें

जमशेदपुरः ऑल इंडिया मूलवासी बहुजन समाज सेंट्रल संघ (एंबस) की ओर से रविवार को आदिवासी मूलवासी सम्मेलन का आयोजन किया गया. सिदगोड़ा स्थित टाउन हॉल में आयोजित उक्त कार्यक्रम में वक्ताओं ने देश के मूल निवासी आदिवासियों को अपमानित किये जाने तथा निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था को देश में सामाजिक एवं आर्थिक न्याय […]

जमशेदपुरः ऑल इंडिया मूलवासी बहुजन समाज सेंट्रल संघ (एंबस) की ओर से रविवार को आदिवासी मूलवासी सम्मेलन का आयोजन किया गया.

सिदगोड़ा स्थित टाउन हॉल में आयोजित उक्त कार्यक्रम में वक्ताओं ने देश के मूल निवासी आदिवासियों को अपमानित किये जाने तथा निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था को देश में सामाजिक एवं आर्थिक न्याय की स्थापना करने के लिए आंबेडकरिज्म के सिद्धांत पर चलने की जरूरत पर विचार किया गया. वक्ताओं ने उक्त विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये. आयोजन के अध्यक्ष सह एंबस के नेशनल ऑर्गेनाइजर अर्जुन सिंग ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा कि मूल वासियों के समक्ष अस्तित्व का संकट आने वाला है, लेकिन यह स्वत: नहीं, साजिश के तहत हो रहा है. उन्होंने मूल वासियों के विकास के तीन बड़े दुश्मन बताये, हिंदूवाद, जातीय पूंजीवाद (कास्ट कैपिटलिज्म) तथा असंवैधानिकता वाद. उन्होंने कहा कि मूल वासियों को साजिश के तहत उनके धर्म से अलग कर हिंदू बताने की कोशिश हो रही है, लेकिन इसका विरोध कोई दल नहीं कर रहा,यहां तक कि वामपंथी भी इसके विरुद्ध आवाज नहीं उठाते. उन्होंने मूलवासियों का अपने आदि धर्म को बचाये रखने, मूलवासी के रूप में अपनी अलग पहचान बरकरार रखने के लिए सजग होने का आह्वान किया. इसी तरह उन्होंने पूंजीवाद तथा असंवैधानिकता वाद की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि आंबेडकरिज्म को अपनाने से ही इन सभी स्थितियों का निराकरण हो सकता है. कार्यक्रम को बी शिशिर, डेमका सोय, सागर प्रसाद,सिंगसोय, रामचंद्र पासवान, विजय तिग्गा, ज्ञानरंजन मुरमू, विजय कुजूर आदि ने भी संबोधित किया.

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