झारखंड में विधानसभा भंग करने की तैयारी चल रही है. ऐसे संकेत मिले हैं कि सरकार बनने की संभावना नहीं दिखने के बाद गृह मंत्रलय ने केंद्रीय कैबिनेट के पास झारखंड विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी है. मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस पर विचार करने की संभावना है. 18 जुलाई को झारखंड में राष्ट्रपति शासन की अवधि खत्म हो रही है. विधानसभा भंग होने के बाद राज्य में चुनाव कराने या सदन की मंजूरी लेकर छह माह और राष्ट्रपति शासन जारी रखने का विकल्प खुल जायेगा.
नयी दिल्ली/रांची: झारखंड के राज्यपाल से मिल रही नियमित रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने विधानसभा भंग करने की तैयारी कर ली है. खबर है कि केंद्रीय गृहमंत्री ने झारखंड में विधानसभा भंग करने की सिफारिश केंद्रीय कैबिनेट से कर दी है. हालांकि अभी तक गृह मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. अंतिम फैसला केंद्रीय कैबिनेट को लेना है. ऐसी संभावना है कि मंगलवार को होनेवाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में झारखंड विधानसभा भंग करने की सिफारिश को मंजूरी के लिए रखा जायेगा. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो जायेगा.
कोई भी दल सामने नहीं आया : झारखंड में 18 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. उसके बाद से ही विधानसभा निलंबित है. राज्य में सरकार गठन के लिए कोई भी दल बहुमत के साथ सामने नहीं आया. साढ़े तीन महीने से राज्य में यह स्थिति है. खबर है कि केंद्र सरकार भी मानती है कि मौजूदा हालात में वैकल्पिक सरकार बनना संभव नहीं है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बारे में फैसले के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक जल्द होने की उम्मीद है.