सीतामढ़ी : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की कोट लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर घातक हमले से मौत से इसी जेल में बंद सीतामढ़ी के एक अन्य कैदी रंजीत कुमार ठाकुर उर्फराजू बाबू सहाय का परिवार दहशत में है और उन्हें आशंका है कि रंजीत के साथ भी कोई अनहोनी हो सकती है.
सीतामढ़ी के पुपरी थाना अंतर्गत मोनहरवा गांव निवासी रंजीत कुमार ठाकुर की मां ने कहा कि उन्हें इस बात का डर है कि रंजीत के साथ भी वैसा ही हो सकता है जैसा सरबजीत के साथ हुआ. रंजीत के पिता का कहना है कि करीब 12 साल की उम्र में उनका पुत्र वर्ष 1999 में कामकाज की तलाश में दिल्ली गया था.
शुरुआत में उसने एक-दो बार पत्र भेज कर अपनी खबर दी पर उसके बाद उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली. पिछले वर्ष स्थानीय पुलिस ने उन्हें रंजीत के लाहौर जेल में बंद होने की जानकारी दी.
गरीब किसान ठाकुर ने बताया कि लाहौर जेल से आठ जून 2012 को रंजीत की शिनाख्त को लेकर पत्र भेजे जाने पर बिहार के गृह विभाग के निर्देश पर स्थानीय पुलिस उनके घर आयी थी. लाहौर जेल के उक्त पत्र पर कैदी का नाम हालांकि राजू बाबू सहाय लिखा था पर उस पर लगे फोटो के जरिये उन्होंने पहचान लिया कि यह उनका पुत्र रंजीत है.
रंजीत की मां का कहना है कि उनके पुत्र ने दिल्ली जाने के बाद अपना नाम कब और क्यों बदला और वह कैसे पाकिस्तान पहुंचा और किस जुर्म में लाहौर जेल में बंद है? इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.