नयी दिल्ली : लोकसभा में आज भाजपा और वामदलों सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर एक के बाद एक घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए सदन में महत्वपूर्ण वित्तीय कामकाज निपटाए जाने से पहले वाकआउट किया.
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने मध्याहन सदन की कार्यवाही पुन: शुरु होने पर कहा कि मौजूदा हालात में वित्त विधेयक और रेलवे की अनुदान मांगों को बिना चर्चा के पारित करना जरुरी है. उन्होंने कहा कि इस पर कल कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भाग लेने वाले सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनी थी और इसे बिना चर्चा के निपटाया जा सकता है.उन्होंने कहा कि सदन के पास महत्वपूर्ण वित्तीय कामकाज को निपटाने के लिए काफी कम समय बचा है और वित्त विधेयक को लोकसभा में पारित कर राज्यसभा को भी भेजा जाना है.लेकिन विपक्षी सदस्यों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया और उन्हें अपनी बात रखने का मौका दिये जाने की मांग की. तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि नियम बिना चर्चा के वित्त विधेयक को पारित कराने की अनुमति नहीं देते. अगर ऐसा करना है तो सरकार नियमों से परे हटने के लिए प्रस्ताव लाए.अध्यक्ष ने इससे पहले विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को अपनी बात रखने की अनुमति दी. सुषमा ने एक के बाद एक सामने आ रहे घोटालों की पृष्ठभूमि में संसद नहीं चलने देने के लिए पूरी तरह सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भाजपा वित्तीय कामकाज में न तो बाधक बनना चाहती है और न ही भागीदार इसलिए हम वाकआउट कर रहे हैं.सुषमा का भाषण समाप्त होते ही भाजपा और शिवसेना सदस्य सदन से वाकआउट कर गए. इसके बाद जनता दल यू, वाम दल, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, बीजद, तेदेपा तथा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी अपनी बात रखी और इन सभी दलों के सदस्य अलग- अलग मुद्दों को लेकर सदन से वाकआउट कर गए.कोयला ब्लाक आवंटन मामले पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा सदस्यों के भारी हंगामे के कारण आज लोकसभा की कार्यवाही शुरु होने के कुछ ही देर बार दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई.
सुबह सदन की कार्रवाई शुरु होते ही भाजपा सदस्य कोयला ब्लाक आवंटन मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए. भाजपा सदस्य इस विषय पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
भाजपा सदस्य कांग्रेस पर घोटालों पर पर्दा डालने का प्रयास करने का भी आरोप लगा रहे थे. शिवसेना और जनता दल यू सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े देखे गए.
इस बीच अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया और एक प्रश्न भी लिया. लेकिन सदस्य शांत नहीं हुए. शोरशराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी.
गौरतलब है कि सरकार को संसद में बने गतिरोध को दूर करने में कल उस समय सफलता मिली थी जब विपक्ष ने आज सदन में वित्तीय कामकाज निपटाने के लिए सहयोग करने पर सहमति जतायी थी. लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलायी गयी विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक में गतिरोध को समाप्त करने का रास्ता निकला.
रास में आज भी नहीं हुआ प्रश्नकाल
कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की सीबीआई जांच रिपोर्ट में सरकार के कथित हस्तक्षेप को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरु होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
उच्च सदन में आज भी प्रश्नकाल नहीं हो पाया.सदन की बैठक शुरु होने पर सभापति हामिद अंसारी ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरु करने का ऐलान किया, राजग सदस्यों ने कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई की रिपोर्ट में सरकार के कथित हस्तक्षेप का मुद्दा उठाया.
सभापति ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने के लिए कहा लेकिन भाजपा सदस्य प्रधानमंत्री की इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाने लगे और आसन के समक्ष आ गये. अन्नाद्रमुक और तेदेपा के सदस्य अपनी अपनी जगहों पर खड़े हो कर कोई मुद्दा उठाते देखे गये.
सपा के सदस्यों ने जम्मू कश्मीर में चीनी सैनिकों की घुसपैठ का मुद्दा उठाया और वे भी आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे.
अंसारी ने सदस्यों ने अपने स्थानों पर लौट जाने और प्रश्नकाल चलने देने को कहा. लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब चार मिनट पर ही बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी.