अगरतला : माकपा महासचिव प्रकाश करात ने तीसरे मोर्चा के गठन की संभावना से इनकार करते हुए कहा है कि यह आसान कार्य नहीं है क्योंकि क्षेत्रीय पार्टियां ‘अवसरवादी’ हैं और वे या तो कांग्रेस या भाजपा के साथ जाएंगी. करात ने कल शाम यहां माकपा की प्रदेश कमेटी की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह आसान कार्य नहीं है क्योंकि अन्नाद्रमुक, सपा, बीजद, जदयू जैसे क्षेत्रीय दल भी अवसरवादी हैं और वे या तो कांग्रेस या भाजपा के साथ जाएंगे.’’
उन्होंने कहा कि भाजपा लोगों की शिकायतों को जरिया बनाकर सत्ता में वापसी करना चाहती है लेकिन कांग्रेस और भाजपा का चरित्र एक जैसा है क्योंकि दोनों नव उदारवादी नीतियों की वकालत करती हैं. उन्होंने संप्रग सरकार पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाते हुए कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं, बेरोजगारी एक गंभीर समस्या बन गई है और उदारवादी अर्थव्यवस्था के चलते आर्थिक संकट गहरा गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि कांग्रेस वर्ष 2014 में होने वाले अगले आम चुनाव में पराजित होगी लेकिन भाजपा को अधिक लाभ नहीं होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वाम दलों को मजबूत होना होगा और भविष्य में कांग्रेस और भाजपा के लिए विकल्प मुहैया कराने के लिए अपना राजनीतिक आधार विस्तारित करना होगा.’’करात ने कहा कि केरल और पश्चिम बंगाल के चुनावों में हार के बाद इस वर्ष फरवरी में त्रिपुरा में व्यापक जनादेश से यह एक बार फिर साबित हो गया है कि वाममोर्चा की राष्ट्रीय राजनीति में प्रासंगिकता है.