* औरतों का घर से निकलना हो गया है मुश्किल
जीतापुर : आज महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार पूरे भारत को शर्मसार कर रहा है. औरतों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में कैसे इंसानियत को जिंदा रखा जा सकेगा ये चिंतन का विषय है. जिले के मुरलीगंज प्रखंड के भरौपपट्टी गांव में आयोजित हजरत मौलाना बाबा मो इसहाक के 42 वें उर्स मुकदस के पाक मौके पर तालिमी कांफ्रेस के दौरान मौलानाओं को संबोधित करते हुए हजरत मो हसन रजा खान साहेब ने कही.
उन्होंने कहा कि समय बदल रहा है औरतों को अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी होगी तभी अत्याचारियों पर अंकुश लग सकेगा. उन्होंने कहा कि या तो औरत सबल होकर दरिंदो से मुकाबला करे या फिर वे परदे में रहे.
उन्होंने कहा कि सारा देश दरिंदों को सजा देने के लिए एक साथ एक आवाज में कानून की मांग कर रहा है. लेकिन भारतीय कानून इतनी जटिल है कि आरोपी को सजा देने में कई वर्ष लग जाते हैं और लंबे समय का फायदा कानून तोड़ने वाले को मिल जाता है. हसन रजा ने कहा कि जरूरत है कानून में बदलाव की. ताकि ऐसे लोग सर ना उठा सके जो समाज को बदनाम करने का प्रयास करते हैं.
उन्होंने कहा कि आवाम में लोग मुहब्बत से रहे आपसी भाईचारा बनाये रखे ताकि हमारी एकता को कोई खंडित नहीं कर सके. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मौलाना सदरूल हक ने कहा कि जब तक हम शिक्षित नहीं होंगे तब तक ना तो हमारा विकास होगा और ना ही समाज का.
उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र से ऐसे जोड़ें कि समाज की मुख्य धारा से जुड़ कर वे समाज के निर्माण में अपनी सङोदारी सुनिश्चित कर सकें. लोगों की मदद कर सके. इस अवसर पर गुलाम अब्दुल कादीर, हबीबी साहब, हमदर्द , प्रेम चंद्र गुप्ता, कमर आलम साहेब,मो इसरान, मो मोइन, मो बाबूल,मो ईशा,मो नौशाद, मो रियाज, जुरूल मंडल सहित सैकड़ों मौलाना व ग्रामीण मौजूद थे.