बांका : रविवार को बांका मंडल कारा में 382 महिला व पुरुष बंदी जेल में थे. इनमें से कुछ कैदियों ने उत्सुकता वश सुबह जागने से लेकर रात के सोने तक के दिनचर्या को बताया. सुबह गिनती के बाद योग की शिक्षा से सुप्रभात होती है. उसके बाद कुछ इच्छुक बंदी जिम चले जाते हैं. सुबह आठ बजे से 12 बजे दोपहर तक बंदी के परिजनों से मुलाकात का समय तय होता है.
सुबह के नाश्ते के बाद दिन के 10:30 बजे संगीत की साधना में लग जाते हैं, दोपहर में जेल कर्मी के ड्यूटी हस्तांतरण के समय कैदियों की गिनती. दोपहर 1 बजे साक्षरता क्लासेज बंदियों के द्वारा चलाया जाता है, दोपहर का भोजन, शाम में इंडोर गेम कैरम बोर्ड, लूडो आदि को खेल खेला जाता है. इच्छुक साथी लाइब्रेरी में शाम गुजारते हैं. शाम में ब्रेकफास्ट के बाद, रात में गिनती पूरा कर रात का विश्रम आरंभ होता है.
* कारा में चल रहे कई कार्यक्रम
बांका कारा कैदियों के अवगुण को मिटा कर क्षमता विकास के लिए कई कार्यक्रम चला रहा है. रविवार को जेल के अंदर कैदियों ने अपने क्षमता विकास को प्रदर्शित किया. बंदियों में से हत्या के आरोप में बंद बौंसी के विजय यादव ने बताया कि जेल के अंदर कैदियों के लिए जिमखाना खोला गया है जिसमें अभी 50 बंदी प्रतिदिन जिम में उपलब्ध दर्जनों इलेक्ट्रॉनिक मशीन से व्यायाम करते हैं.
वाकर, साइकिल, डंबल सहित अन्य कीमती सामान लगाये गये हैं. योग गुरु बौंसी के संतोष यादव ने बताया कि प्रतिदिन सुबह अनेकों बंदी भाई उनके साथ योग का प्रशिक्षण ले रहे हैं. वहीं कई हत्याकांड के आरोपी बंदी ने भी संगीत के वाद्य यंत्र पर अपने कला का प्रदर्शन किया.
जेल प्रशासन के द्वारा उपलब्ध सामान में से गिटार, ड्रम, डुग्गी, बैंजो सहित अन्य संगीत के यंत्र को कैदी सीखने का प्रयास कर रहे हैं. बंदी सुनील दास, रवि चौधरी, उमेश यादव, अमोद यादव, प्रकाश यादव, गुलो खान सहित अन्य ने बताया कि वे लोग संगीत, योग, जिम खाना में शरीर स्वस्थ रखने के बारे में जानकारी प्राप्त कर क्षमता का विकास कर रहे हैं.
खाली वक्त में साक्षरता की पढ़ाई व लाइब्रेरी में पसंदीदा किताबों के अध्ययन कर रहे हैं. वहीं अन्य साथियों को भी ऐसा गुण विकसित करने की सलाह दे रहे हैं. यहां से निकलने के बाद खुद में इस क्षमता का विकास करेंगे एवं मोहल्ले गांव में भी ऐसा गुण विकसित करने की प्रेरणा देंगे. रविवार को बंदी ने संगीत के धुन पर साक्षरता संगीत टीम के अशोक कुमार सिंह के साथ सुर में सुर मिलाया.
अन्य कैदियों ने जमकर तालियां बजायी. वहीं कारा में आरोपी व सजायाप्ता बंदियों ने जिम पर भी अभ्यास कर दिखाया. इस मौके पर जेल प्रशासन के परिवार व एडीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार के साथ साथ प्रशिक्षु आइएएस मिथिलेश मिश्र ने बंदियो के प्रतिभा को देख कर उनके निरंतर प्रयास से कौशल विकास की बात कही. एडीपीआरओ ने बंदियो के उत्साहवर्धन के लिए गीत पेश किये.
सरकार ने बंदियों के कौशल व क्षमता, बौद्धिक, शारीरिक विकास के लिए इन कार्यक्रमों को चला रखा है. जिससे भविष्य में ये बंदी अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए नयी जिंदगी की शुरुआत कर सके. जेल अधीक्षक नंद किशोर ठाकुर ने बताया कि कैदी की सुविधा के लिए जिम खाने में 2.25 लाख, संगीत वाद्य यंत्र में 1.25 लाख एवं लाइब्रेरी में 43 हजार रुपये के सामान खरीदे गये है.
जेलर कृपा शंकर पांडे ने कहा कि जेल में बंदियो को मिलने वाली सुविधा संगीत वाद्य यंत्र, इंडोर खेल के सामान, जिम खाना के सामान, साक्षरता, इग्नू की पढ़ाई, लाईब्रेरी की सुविधा बंदियों को मिलने लगी है.
* चाक-चौबंद है सुरक्षा
जेल में सुरक्षित व्यवस्था के बाबत मेटल डिटेक्टर मशीन, सीसी टीवी कैमरा, वीडियो कॉन्फ्रेसिंग सहित चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की निगेहबानी 24 घंटे रहती है.