नयी दिल्ली : पद से इस्तीफा देने की भाजपा की मांग को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा आज ठुकरा दिये जाने के बावजूद मुख्य विपक्षी दल ने दावा किया कि सिंह कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका का विश्वास गवां चुके हैं इसलिए वह यह मांग जारी रखेगी.
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां कहा, हम अपने इस रुख पर एकदम स्पष्ट है कि पहले प्रधानमंत्री इस्तीफा दें और उसके बाद हम किसी बात पर चर्चा करेंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री की इस बात के लिए भी आलोचना की कि कोयला ब्लाक आवंटन मामले में सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट में कथित हस्तक्षेप किए जाने के बावजूद सिंह कानून मंत्री अश्विनी कुमार को बचा रहे हैं.
भाजपा के इस आरोप को उन्होंने दोहराया कि सिंह कानून मंत्री को कोयला घोटाले में खुद को बचाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
इस सवाल पर कि मुख्य विपक्षी दल प्रधानमंत्री का इस्तीफा क्यों मांग रहा है, त्रिवेदी ने कहा, पिछले कई साल के घटनाक्रम से साफ हो गया है कि यह सरकार न्यायपलिका, कार्यपालिका और विधायिका का विश्वास खो चुकी है.
उन्होंने कहा कि जब यह सरकार न्यायपलिका, कार्यपालिका और विधायिका का विश्वास गवां चुकी है और घोटालों में प्रधानमंत्री कार्यालय की कथित संलिप्तता साबित हो चुकी है, तो मुख्य विपक्षी दल की प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग एकदम जायज है.
कोयला घोटाले से संबंधित सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट में सरकार के कथित हस्तक्षेप के आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री ने आज उनके और कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे की विपक्ष की मांग को अस्वीकार कर दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले नौ साल में यह पहला मौका नहीं है, कितनी बार (उन्होंने इस्तीफे की मांग की है.) लेकिन मैं विपक्ष से अपील करना चाहता हूं कि वे संसद की कार्यवाही चलने दें. प्रधानमंत्री ने कहा, संसद की कार्यवाही ठप करके, हम अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं. सारा विश्व हम पर हंस रहा है. जो भी मुद्दे हों, उन चर्चा हो सकती है, संसद में उचित बहस और बातचीत के जरिए नतीजों पर पंहुचा जा सकता है.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह कानून मंत्री अश्विनी कुमार से इस्तीफा देने को कहेंगे, सिंह ने दो टूक कहा, कानून मंत्री के इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है. मामला अदालत में है. यह न्यायाधीन है. मेरे लिए कुछ करना उचित नहीं होगा. लेकिन कानून मंत्री के इस्तीफे का कोई सवाल नहीं उठता है.