अलमाटी : भारत ने इटली को फिर से भरोसा देते हुए कहा है कि इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ आतंकी वारदात को अंजाम देन के लिए मुकदमा चलाने संबंधी कोई संदेह दरकिनार करना चाहिए क्योंकि गहरे समुद्र में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले की जांच के लिए सरकार के पास अकेली एनआईए जैसी एजेंसी ही उपलब्ध है. विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि वह एनआईए को सौंपी गई जिम्मेदारी का अध्ययन करेंगे, लेकिन वह ऐसा एनआईए अधिनियम के जरिए नहीं, बल्कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह का कोई संदेह तत्काल खत्म होना चाहिए कि इसकी आतंकी वारदात के रुप में जांच होगी. भारत के पास एनआईए जैसी एजेंसी उपलब्ध है जिसका उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक जांच के लिए इस्तेमाल हो सकता है.’’ उच्चतम न्यायालय ने आज एनआईए को दो इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामले की जांच करने की इजाजत दी. बीते साल दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप में इतालवी नौसैनिक मासिमिलियानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने गिरफ्त में हैं. देश की सबसे बड़ी अदालत ने विशेष अदालत से कहा है कि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मामले की नियमित सुनवाई की जाए.
अफगानिस्तान पर आयोजित सम्मेलन के लिए कजाकिस्तान पहुंचे खुर्शीद ने कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय के आदेश का अध्ययन नहीं किया है, लेकिन महसूस करते हैं कि जब इसे सही ढंग से सूचित किया गया अथवा रिपोर्ट किया गया तो इटली को किसी बात की चिंता नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘उनकी चिंता इस बात को लेकर है आप हमें आतंकवादी वारदात को लेकर आरोपी बना रहे हैं. यह उनकी चिंता है. परंतु ऐसा नहीं है. लेकिन मैं सावधानी के साथ कहना चाहता हूं कि मैंने आदेश का अध्ययन नहीं किया है.’’खुर्शीद ने कहा, ‘‘मेरी अंतर-सोच यह कहती है कि इस फैसले में यही होगा. इसलिए अगर आदेश को सावधानी के साथ पढ़ा जाएगा और इसे रिपोर्ट किया जाएगा तो किसी तरह की चिंता नहीं होनी चाहिए जैसा इतालवी सरकार चिंतित है. मैं नहीं समझता को इसकी कोई वजह होगी कि भारत सरकार असहज हो.’’