आरा : बिहार के 23 विभागों में हजारों करोड़ का घोटाला का परदाफाश होने के बावजूद सरकार इसकी सीबीआइ या निगरानी जांच कराने से कनी काट रही है. बिहार में वित्तीय प्रबंधन नाम का कोई चीज नहीं रह गया है.
नतीजतन सरकार गुड फाइनेंसियल मैनेजमेंट में विफल रही है. ये बातें बिहार विधानसभा के विरोधी दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने प्रेस वार्ता के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि 23 विभागों में हजारों करोड़ का घोटाला प्रकाश में आने के बाद भी सरकार सीबीआइ जांच से भाग रही है.
मनरेगा में मची लूट की चर्चा करते हुए कहा कि महालेखाकार की रिपोर्ट के आधार पर जो सरजमी पर मनरेगा की हकीकत है, वैसी स्थिति में सरकार को मनरेगा की लूट और फर्जीवाड़े की जांच सीबीआइ से करानी चाहिए. सरकार के पास गरीबों के कल्याण और क्षेत्रीय असंतुलन को समतुल्य बनाने के लिए कोई कार्य योजना नहीं है.
यही कारण है कि बिहार के 38 जिलों में से सिर्फ पटना और मुंगेर जिले हैं, जहां प्रतिदिन प्रति व्यक्ति आय 50 रुपये है, जबकि आरा के लोगों का प्रति दिन प्रति व्यक्ति आय 28 रुपये 28 पैसा है. नेता विरोधी दल ने कहा कि भूख से मरनेवाले लोगों के मामले में देश में बिहार 19 वें स्थान पर है.
वहीं मानव विकास के मामले में बिहार 21 वें स्थान पर है. बिहार में उच्चतर शिक्षा की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गयी है.
दूसरी तरफ भाजपा और जदयू के आंतरिक कलह पर कटाक्ष करते हुए अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा और जदयू की अंतर्कलह नूरा कुश्ती का खेल है. यह गंठबंधन महज स्वार्थ आधारित है.
नीतीश सरकार अपनी विफलता को छुपाने को लेकर ऐसा बयानबाजी कर रही है.
नीतीश सरकार में हत्या, अपहरण और दुष्कर्म की घटनाओं के बेतहाशा वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि जनता से स्वीकृति प्राप्त कर परिवर्तन रैली 15 मई को की जा रही है. रैली में आरा की भागीदारी अच्छी रहेगी. हमें इसका पूरा भरोसा है. इस अवसर पर विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक विजेंद्र सिंह यादव, विधायक भाई दिनेश, आदिव रिजवी आदि उपस्थित थे.