सीतामढ़ी : शहर स्थित गांधी मैदान में देश के वीर योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती समारोह भव्य तरीके से मनायी गयी. इससे पूर्व क्षत्रिय विकास मंच के तत्वावधान में जानकी स्थान से विशाल शोभा यात्रा निकाली गयी, जो नगर परिषद के विभिन्न पथों से होते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंची.
शोभा यात्रा में शामिल लोगों के हाथों में विजय पताका स्वरूप केसरिया झंडा व तलवार था. सभी बाबू वीर कुंवर सिंह की जयकार कर रहे थे. शोभा यात्रा मे घोड़ों को सजा कर उस पर सवार व्यक्ति एक हाथ में केसरिया झंडा तो दूसरे हाथ मे तलवार थामे हुआ था. इस घुड़सवार का प्रदर्शन देखने के लिए लोग काफी उत्सुक दिखे. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था की गयी थी.
* आचार्य सुदर्शन ने किया उद्घाटन
बाबू वीर कुंवर सिंह जयंती समारोह का उद्घाटन आचार्य सुदर्शन जी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर किया. हेलेंस की छात्राओं के स्वागत- गान के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ. छात्राओं ने राष्ट्र गान ‘जन-गण-मन.’ एवं ‘मातृ गान से गूंजता रहे ये वतन..’ गाकर उपस्थित अतिथियों को मंत्र मुग्ध कर दिया. इससे पूर्व अतिथियों ने बाबू वीर कुंवर सिंह के चित्र पर माल्यार्पण किया.
* अपनी अस्मिता को भूल रहे
आचार्य सुदर्शन जी महाराज ने वीर कुंवर सिंह की शौर्य गाथा व उनके वंशज को नमन किया. कहा कि हम सब अपनी अस्मिता को भूलते जा रहे हैं. सबों को कर्म से क्षत्रिय होना होगा. महाराज जी ने एक प्रेरणा दायक शे‘र ‘पानी मे पत्थर मत फेंको, उसे भी कोई पिता है, जिंदगी जीना है तो हंस कर जीओ, तुम्हें देख कर भी कोई जीता है’.
* क्षत्रिय का कर्म भी करें
मौके पर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि बिहार ऋषि-महर्षियों का आश्रम रहा है. पौराणिक काल में ज्यादातर ऋषि बिहार के ही थे. अब हम उन्हें भूलते जा रहे है. सिर्फ क्षत्रिय शब्द का इस्तेमाल करने से हम क्षत्रिय नहीं बन सकते. इसके लिए कर्म करने की आवश्यकता है. कहा कि क्षत्रिय शब्द एक जाति नहीं अपने-आप में एक संस्था है. संस्था में जो कमजोरों की रक्षा करने वाला है, वही क्षत्रिय है. हम क्षत्रिय हैं तो यह ध्यान देना होगा कि समाज को कैसे संचालित करें. जो रक्षक है, वही क्षत्रिय है.
* तलवार नहीं कलम चाहिए
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष हरि किशोर सिंह ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह ने अपने साहस से एक इतिहास रचा. आज समाज को तलवार नहीं, कलम की आवश्यकता है. पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि पूर्वज की जयंती इसलिए मनाते हैं कि नयी पीढ़ी इतिहास को जान सके और प्रेरणा ले सके. कहा, आज हम सब स्वच्छ समाज बनाने का संकल्प लें. विधायक सुनीता सिंह चौहान ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह के बताये कदमों पर चल कर हमे सबों की रक्षा करनी चाहिए. वे समाज व देश की रक्षा के लिए लड़े थे.
विधायक मोतीलाल प्रसाद ने कुंवर सिंह को जन-जन का नेता बताया. कहा कि इतिहास के पन्नों में जो इन्हें स्थान मिलना था, उतना नहीं मिला. विधायक गुड्डी देवी ने कहा कि भारत महापुरुषों का देश रहा है. हमें उनके विचारों का अनुकरण करना चाहिए. इससे समाज व देश का कल्याण होगा.
पूर्व सांसद सीताराम यादव ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह के द्वारा शुरू की गयी लड़ाई का फल है कि 1947 में देश को आजादी मिली. विधायक डॉ रंजू गीता, रामनरेश यादव, पूर्व विधायक ठाकुर राणा रत्नाकर, जदयू के वरीय नेता राणा रंधीर सिंह चौहान, कांग्रेस नेता अमित कुमार टुन्ना व सत्येंद्र सिंह ने भी बाबू वीर कुंवर सिंह की वीर-गाथा पर अपने विचार व्यक्त किये.
मौके पर पूर्व सांसद नवल किशोर राय, विधायक राजीव कुमार सिंह उर्फ राजू, जदयू के जिलाध्यक्ष रामजीवन प्रसाद, नगर परिषद अध्यक्ष सुवंश राय, विंदेश्वरी प्रसाद सिंह, गोयनका कॉलेज के प्राचार्य ओम प्रकाश सिंह समेत अन्य अतिथियों को पाग, शॉल व तलवार भेंट कर सम्मानित किया गया.
मंच के अध्यक्ष नीशित कुमार सिंह, अमिताभ कुमार गुंजन व अमित कुमार टुन्ना ने अतिथियों को सम्मानित किया. स्वतंत्रता सेनानी विद्यानंद सिंह, अवध किशोर मिश्र व किसुन सिंह सम्मानित किये गये.
* आचार्य सुदर्शन सम्मानित
आचार्य सुदर्शन जी महाराज को बाबू वीर कुंवर सिंह जैसा अंग वस्त्र, पाग, तलवार व शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया.