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पहली तिमाही के नतीजों से तय होगी बाजार की दिशा

नयी दिल्ली: शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक उत्पादन और उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति के निराशाजनक आंकड़ों के कारण सोमवार को शेयर बाजार अपनी नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकता है. इन आंकड़ों की घोषणा शुक्रवार को कारोबार की समाप्ति के बाद की गई थी. शेयर बाजार का आगे का रख थोक मूल्य सूचकांक आधारित […]

नयी दिल्ली: शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक उत्पादन और उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति के निराशाजनक आंकड़ों के कारण सोमवार को शेयर बाजार अपनी नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकता है. इन आंकड़ों की घोषणा शुक्रवार को कारोबार की समाप्ति के बाद की गई थी. शेयर बाजार का आगे का रख थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति और पहली तिमाही के नतीजों से तय होगा. इन सबके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के रख, रुपये के उतार चढ़ाव, कच्चे तेल की कीमतों और वैश्विक संकेत शेयर बाजार की दिशा को निर्धारित करेंगे. जून के लिए थोक बिक्री मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा सोमवार को घोषित किया जायेगा.

आदित्य ट्रेडिंग साल्यूशंस के संस्थापक विकास जैन ने कहा, इन्फोसिस के उम्मीद से बेहतर परिणाम और व्यापार घाटे के आंकड़ा ने बाजार धारणा को बढ़ाया है तथा बाजार में सकारात्मक गति इस सप्ताह भी कायम रहने की उम्मीद है. हालांकि इस तेजी को रुपये के उतार चढ़ाव और थोक बिक्री मूल्य आधारित मुद्रास्फीति के कारण कुछ रोक लग सकती है. बड़ी निगमित कंपनियों के नतीजो इसी सप्ताह से शुरु होने की उम्मीद है जो शेयर बाजार में तेजी ला सकते हैं.

प्रमुख आईटी कंपनी इन्फोसिस ने अप्रैल जून की तिमाही के लिए शुक्रवार को अपने संचयी शुद्ध मुनाफे में करीब 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और बाजार की उम्मीदों पर खरा उतरी जबकि कंपनी ने डालर की स्थिति को देखते हुए सतर्क सकारात्मक रख अपनाये रखा है. इन्फोसिस के बाद निवेशकों की निगाह अब इस सप्ताह एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, रिलायंस इंडस्टरीज, बजाज आटो और एचडीएफसी जैसी बड़ी कंपनियों के परिणामों पर होगी.इस बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था के पूरी तरह संकट से बाहर नहीं होने का इस बात से संकेत मिलता है कि शुक्रवार को घोषित किये गये महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े जतलाते हैं कि औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में गिरावट आई है, जबकि खुदरा मुद्रास्फीति लगभग दोहरे अंक के पास कायम है.

औद्योगिक उत्पादन में मई में 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई है जो 11 महीनों का निम्नतम स्तर है. व्यापार आंकड़े बताते हैं कि जून में निर्यात में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आई है. खुदरा मूद्रास्फीति जून में बढ़कर 9.87 प्रतिशत हो गई जिसका मुख्य कारण सब्जियों और फलों की कीमतों में तेजी आना है.

हालांकि मुख्य बात व्यापार घाटे को कम करना है. व्यापार आंकड़े दर्शाते हैं कि जून में व्यापार घाटा घटकर 12.2 अरब डालर रह गया जो उसके पिछले महीने में 20.1 अरब डालर था.एंजल ब्रोकिंग के प्रबंध निदेशक (संस्थान) ललित ठक्कर ने कहा कि आईआईपी और सीपीआई मुद्रास्फीति निराशाजनक हैं लेकिन रुपये के अवमूल्यन तथा वैश्विक वृद्धि दर में सुधार से अंतत: मध्यावधि में निर्यात के परिदृश्य में सुधार आएगा.

बोनान्जा पोर्टफोलियो लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश गोयल ने कहा कि आने वाले सत्रों में निकट समय में 6,025 अंक का स्तर निफ्टी के लिए महत्वपूर्ण निर्णायक स्तर होगा तथा इस स्तर से उपर बाजार में लिवाली बढ़ सकती है.वैश्विक घटनाक्रम भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे जहा इस सप्ताह चीन के आर्थिक आंकड़े की घोषणा की जानी है.इस बीच, बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 462.65 अंक अथवा 2.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,958.47 अंक पर पहुंच गया.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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