* छोटे सिलिंडर की बिक्री पर रोक के बाद भी कारोबार जारी
पटना : रोक के बाद भी राजधानी में छोटे सिलिंडरों में गैस भर कर बेचने का कारोबार तेजी से फैल रहा है. गली–गली में इसकी बिक्री हो रही है. कम पैसे व आसानी से मिल जाने के कारण छात्र व गरीब परिवारों के लोग इसका उपयोग ज्यादा करते हैं. इससे इसके धंधे में वृद्धि हुई है.
खासकर वैसे इलाके जहां छात्र व गरीब तबके के लोग रहते हैं. वर्तमान में करीब 66.50 रुपये किलो (14 किग्रा एलपीजी सिलिंडर के हिसाब से) की दर से मिलनेवाली एलपीजी अवैध रूप से 120-150 रुपये प्रति किलो की दर से बेची जाती है. आंकड़ों के अनुसार, शहर में बीपीएल परिवारों की संख्या तीन लाख से अधिक है, लेकिन उनमें से आधे से कम के पास ही गैस कनेक्शन हैं. उन्हें हर माह मात्र ढाई लीटर केरोसिन मिलता है, इसलिए वे छोटे गैस सिलिंडर पर खाना बनाने को मजबूर हैं. इसके साथ लॉज व किराये पर कमरा लेकर रहनेवाले छात्र–छात्राओं में अधिकतर इसी तरह के सिलिंडर का उपयोग करते हैं.
* हो चुका है हादसा
छोटे सिलिंडर के कारण शहर में हादसा भी हो चुका है. दो साल पहले राजेंद्रनगर पुल के नीचे छोटे सिलिंडर के विस्फोट के कारण भीषण अगलगी हुई थी. इसमें 100 से अधिक परिवार प्रभावित हुए थे. उनका व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया था. हादसे में एक गाय और तीन–चार बकरियां भी मर गयी थीं.
वहीं, छात्रों व गरीब तबके के लोगों का कहना है कि एलपीजी का कनेक्शन लेने के लिए पहचानपत्र व एड्रेस प्रूफ की आवश्यकता होती है, जो सबके पास नहीं होता. केरोसिन भी राजधानी में आसानी से नहीं उपलब्ध है, इस कारण छोटे सिलिंडर पर खाना बनाना इनके लिए मजबूरी है.
* विस्फोट की आशंका
विशेषज्ञों की मानें, तो बड़े से छोटे सिलिंडर में गैस भरना काफी खतरनाक है. इससे कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है, क्योंकि एलपीजी काफी ज्वलनशील पदार्थ है. विस्फोट होने पर यह बम की तरह नुकसानदेह है. बाजार में मौजूद सिलिंडर (पांच किलो व तीन किलो के आकार में) की मोटाई एक से डेढ़ एमएम रहती है, जबकि यह मोटाई 2.5 से 2.6 एमएम होनी चाहिए. इसके साथ सिलिंडर की भराई भी तौल कर होनी चाहिए. अंदाज से सिलिंडर से गैस भरने से उसके फटने की आशंका रहती है.
* छोटे सिलिंडरों के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए जिला अनुभाजन विभाग छापेमारी करेगा. इस पर अंकुश लगाया जायेगा. डॉ एन सरवण कुमार, डीएम