देहरादून: आपदा प्रभावित उत्तराखंड में जीवन सामान्य बनाने के लिये प्रयास तेज कर दिये गये हैं और पीडब्लूडी तथा पुलिसकर्मियों का 61 सदस्यीय दल केदारनाथ रवाना कर दिया गया है ताकि वहां विखरे पड़े कई टन मलबे को साफ किया जा सके.
इस बीच चमोली के अतिरिक्त जिलाधिकारी संजय कुमार ने पीटीआई से कहा कि चमोली जिला प्रशासन ने राज्य आपदा प्रबंधन के अधिकारियों को पत्र लिखकर बद्रीनाथ से उपर सतोपंथ में बर्फ से बनी झील से स्थानीय लोगों के खतरे की गंभीरता का आकलन करने का आग्रह किया है. यह झील चमोली जिले में सतोपंथ में बर्फ के पिघलने से बनी है जिससे बारिश से तबाह हो चुके बद्रीनाथ, जोशीमठ और कर्णप्रयाग के लिये खतरा उत्पन्न हो गया है. इस वजह से जिला प्रशासन को एक चेतावनी जारी करनी पड़ी है. इस बीच कुमार ने कहा है कि इस झील में पानी बढ़ नहीं रहा है और तत्काल चिंता का कोई कारण नहीं है.
देहरादून में अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में हेलीकाप्टरों तथा खच्चरों के जरिये राहत सामग्री भेजी जा रही है. एडीएम ने कहा कि चमोली के सभी 84 गांवों में जहां भी खाद्यान के कमी की बात सामने आई उन्हें राहत अभियान के दायरे में ला दिया गया है.पुलिस महानिरीक्षक रामसिंह मीणा ने कहा कि केदारनाथ में मलबे को साफ करने के लिये पीडब्लूडी और पुलिसकर्मियों का 61 सदस्यीय दल आवश्यक उपकरणों के साथ रवाना कर दिया गया है.मीणा ने कहा कि नदियों पर अस्थायी पुल या ट्राली लगाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं ताकि इन नदियों के किनारे के गांवों में राहत अभियान को तेज किया जा सके.