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कल के बयान पर मोदी ने दी सफाई, कहा अनमोल है हर जीव

अहदाबाद : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने कल के बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में हर जीव के प्राण की कीमत है, इंसान तो उनमें सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. मोदी ने आज ट्विट करके सफाई दी. कल नरेंद्र मोदी ने रायटर को एक साक्षात्कार दिया था, जिसमें […]

अहदाबाद : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने कल के बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में हर जीव के प्राण की कीमत है, इंसान तो उनमें सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. मोदी ने आज ट्विट करके सफाई दी.

कल नरेंद्र मोदी ने रायटर को एक साक्षात्कार दिया था, जिसमें गुजरात दंगों से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा
था कि दुख तो कुत्ते के बच्चे की मौत पर भी होता है. उनके इस बयान पर हंगामा खड़ा हो गया है. जिसके कारण कल भाजपा को बचाव में उतरना पड़ा था.

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी नेकल कहा था कि2002 में जब राज्य में दंगे हुए थे उन्होंने ‘‘बिल्कुल सही काम’’ किया था और उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उन्हें ‘‘पूरी तरह से क्लीन चिट ’’ दी थी.

संवाद एजेंसी रायटर्स को गांधीनगर स्थित अपने सरकारी आवास पर दिए साक्षात्कार में मोदी से सवाल किया गया था कि क्या यह निराशाजनक लगता है जब लोग उन्हें 2002 से परिभाषित करते हैं. जून में भाजपा चुनाव अभियान समिति का प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद यह उनका पहला साक्षात्कार है.

उन्होंने जवाब में कहा कि वह अपने को कसूरवार तब महसूस करते अगर वह कोई गलती करते. ‘‘ निराशा तब होती है तब आप सोचते हैं कि ‘मैं पकड़ लिया गया. मैं चोरी कर रहा था और मुझे पकड़ लिया गया.’ मेरा मामला यह नहीं है.’’यह पूछे जाने पर कि जो हुआ, उसका क्या उन्हें अफसोस है, गुजरात के कद्दावर नेता के हवाले से रायटर्स ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने विशेष जांच टीम का गठन किया था जिसने उन्हें अपनी रिपोर्ट में ‘‘पूरी तरह से क्लीन चिट दी, पूरी तरह से क्लीन चिट.’’

उन्होंने कहा कि ‘‘एक और बात, अगर हम कार चला रहा हैं तो हम ड्राइवर हैं, अगर कोई अन्य कार चला रहा है और हम पीछे बैठे हैं, अगर उस समय पिल्ला भी गाड़ी के नीचे आ जाता है, यह दुखद होगा या नहीं? निश्चित रुप से यह दुखद होगा. अगर मैं मुख्यमंत्री हूं या नहीं, एक इंसान हूं. अगर कहीं भी कुछ गलत होता है तो दुखी होना स्वाभाविक है. ’’

मोदी से सवाल किया गया था कि क्या उन्होंने 2002 में सही कदम उठाया था. उन्होंने जवाब दिया, ‘‘ बिल्कुल. कम से कम, भगवान ने जितना दिमाग हमें दिया है, जितना अनुभव मुझे मिला है और उस स्थिति में हमारे पास जो कुछ भी उपलब्ध था और एसआईटी ने इसकी जांच की है.’’ध्रुवीकरण करने वाली हस्ती होने के संबंध में एक सवाल के जवाब में मोदी ने अमेरिका के डेमोक्रेट और रिपब्लिकन का उदाहरण देते हुए जोर दिया कि धुव्रीकरण ‘‘लोकतंत्र की मूल प्रकृति है.’’

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