नयी दिल्ली : कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव में राहुल बनाम मोदी का रंग देने के भाजपा के मंसूबों पर पानी फेरने का मन बना लिया है.इसके लिए उसने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करने का फैसला किया है.
नरेंद्र मोदी फिलहाल भाजपा की चुनाव अभियान समिति की कमान ही थामे रहेंगे. गोवा सम्मेलन से सबक लेते हुए भाजपा अब उन्हें प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित करने से हिचक रही है.अभियान समिति की कमान सौंप कर पार्टी नेतृत्व वैसे भी साफ संदेश दे चुका है कि आगामी लोकसभा चुनावी जंग में मोदी ही भाजपा का चेहरा होंगे.
पार्टी नेतृत्व अब आंतरिक कलह को भी बढ़ावा नहीं देना चाहता है. हालांकि मोदी समर्थक नेता लगातार कोशिश में हैं कि मोदी को पीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया जाए क्योंकि मोदी के नाम पर सबसे ज्यादा आपत्ति जताने वाला जदयू अब एनडीए से अलग हो चुका है.
दरअसल भाजपा पिछले कुछ समय से 2014 के चुनावी जंग को मोदी बनाम राहुल बनाने की कोशिशों में जुटी है. जबकि कांग्रेस नहीं चाहती कि आगामी लोकसभा चुनाव मोदी और राहुल पर पूरी तरह केंद्रित हो जाए.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने में अब भी राहुल ने अपनी ओर से दिलचस्पी नहीं दिखाई है. ऐसे में पार्टी के रणनीतिकारों ने चुनाव से पहले किसी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार न बनाने का फैसला किया है.
इस बारे में पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि पार्टी को अपनी और संसदीय प्रजातंत्र की परंपराओं की चिंता है.
चाहे लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधान सभा का, पार्टी ने कभी चुनाव से पहले प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. क्योंकि संसदीय प्रजातंत्र में जीते हुए प्रतिनिधि ही अपने नेता का चुनाव करते हैं.
उन्होंने कहा कि हम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में चुनाव मैदान में उतरेंगे. चुनाव के बाद जीते हुए प्रतिनिधि अपना नेता चुनेंगे. इस दौरान दिग्विजय ने भाजपा पर कटाक्ष भी किया.
उन्होंने कहा कि यह भाजपा का अधिकार है कि वह किसे और कब प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाती है. मगर चुनाव से पहले उम्मीदवार की घोषणा अमेरिका की राष्ट्रपति प्रणाली वाले प्रजातंत्र में ही होता है.
एक सवाल के जवाब में पार्टी महासचिव ने कहा कि 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले जरूर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था. मगर तब स्थिति दूसरी थी.
इसके अलावा कांग्रेस ने कभी भी चुनाव से पहले न तो मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा की है और न ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की ही.
उल्लेखनीय है कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव को मोदी बनाम राहुल बनाने की पूरी कोशिश कर रही है. इसी रणनीति के तहत मोदी को चुनाव अभियान समिति की कमान देने से पहले पार्टी की सर्वाधिक ताकतवर इकाई संसदीय बोर्ड में भी जगह दी गई.
मगर कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि चूंकि राहुल फिलहाल प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए पार्टी ने बिना किसी चेहरे के चुनावी वैतरणी में उतरने का फैसला किया है.