नयी दिल्ली:एक बार फिर चीनी सेना भारतीय सीमा घुस आयी. लेह-लद्दाख के चुमुर इलाके में घुस कर चीनी सेना ने भारतीय सेना द्वारा लगाये गये सिक्यूरिटी कैमरों को भी तोड़ दिया. भारतीय सेना द्वारा बनाये गये कुछ अस्थायी ढांचों को भी गिरा दिया.
ड्रैगन की दादागीरी
अब चुमार क्षेत्र में की घुसपैठ
कैमरों के तार काट डालेत्नलोगों को हिंदी में धमकाया
नयी दिल्ली : एक ओर भारत-चीन में संबंध सुधारने की प्रक्रिया चल रही है, तो दूसरी ओर चीन बार-बार भारत को ललकार रहा है. हमारी सीमा में घुसपैठ कर हमारे उपकरणों को नुकसान पहुंचा रहा है. हमारे लोगों को धमका रहा है. 17 जून को कुछ हिंदीभाषी चीनी सैनिक हमारी सीमा में घुस आये. चुमार में लगे भारतीय सुरक्षा उपकरणों को नष्ट कर दिया. स्थानीय लोगों को धमकी दी और कुछ उपकरण अपने साथ ले गये. हालांकि, तीन जुलाई को चुसुल में हुई फ्लैग मीटिंग में ये उपकरण भारतीय सेना को सौंप दिये गये.
सेना के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि लेह से 300 किलोमीटर दूर स्थित चुमार क्षेत्र में यदा-कदा चीन की सेना के साथ विवाद की स्थिति बनती रहती है. चुमार एकमात्र इलाका है, जहां तक चीन का सीधा पहुंच पथ नहीं है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि अप्रैल में भारत चुमार में निगरानी टावर बना रहा था. चीन की सेना ने इसका विरोध किया और दौलत बेग ओल्डी में तंबू गाड़ दिया. यहां 21 दिन तक दोनों देशों की सेना आमने-सामने रही. उच्चस्तरीय हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों की सेना अपने-अपने बंकरों में लौटी.
इसके बाद पांच मई, 2013 को भारतीय सेना ने निगरानी टावर हटा लिया. टावर हटाने के बाद भारतीय सेना ने सीमा पर निगरानी के लिए कैमरे लगाये थे, ताकि चीनी सेना की गतिविधियों की निगरानी की जा सके. इससे पीएलए की त्योरियां चढ़ गयीं. चुमार, लद्दाख-हिमाचल प्रदेश सीमा पर स्थित एक सुदूर गांव है, जिसे चीन अपना क्षेत्र मानता है.
मंत्री नहीं देते तवज्जो
दौलत बेग ओल्डी की घटना के बाद चीन के पीएम ली केक्यांग भारत आये, तो उन्होंने यह तो माना कि भारत-चीन के बीच सीमा विवाद है, लेकिन इस मुद्दे को तवज्जो देने से इनकार कर दिया
जून में घुसपैठ के बाद भी रक्षा मंत्री एंटनी चीन गये. बीजिंग पहुंचने से पहले चीन के मेजर जनरल लुओ यूआन ने भारत को चेतावनी दी, लेकिन एंटनी ने इस पर बात करने से मना कर दिया