मुंबई : गिरते रुपये को थामने के प्रयास में रिजर्व बेंक ने आज बैंकों के लिए विदेशी मुद्राओं के वायदा एवं विकल्प (डेरिवेटिव) सौदों के संबंध में कुछ पाबदियां लगा दीं. ये पाबंदियां फौरन लागू हो गयी है.
नये नियमों के तहत बैंकों को खुद के पैसे से विदेशी विनियम वायदा बाजार और एक्सचेंजों द्वारा संचालित विदेशी मुद्रा विकल्प के सौंदों (डेरिवेटिव) के खंड में कारोबार करने से रोक दिया गया है. हालांकि, बैंक अपने ग्राहक के लिए ऐसे सौदे करने को स्वतंत्र होंगे. रिजर्व बैंक ने कहा है बाजार में मौजूदा स्थिति की समीक्षा के बाद यह तय किया गया है कि बैंकों को अपने खुद के स्तर पर विदेशी मुद्रा के वायदा कारोबार और एक्सचेंजों के जरिये किए जाने वाले विदेशी मुद्रा विकल्प कारोबार नहीं करना चाहिए.
रिजर्व बैंक की कल देर से जारी अधिसूचना में कहा गया है दूसरे शब्दों में इन बाजारों में बैंक यदि कोई सौदा करते हैं तो वह अपने ग्राहकों के लिए कर सकते हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है, उसका यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो जायेगा.
रिजर्व बैंक के इस कदम को रुपये के गिरते मूल्य को थामने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. कल के कारोबार में अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निम्न स्तर 61.21 रुपये प्रति डालर को छू गया. बहरहाल, आज के कारोबार में रुपया सुधरकर 60.13 रुपये प्रति डालर पर आ गया.
सरकार और रिजर्व बैंक रुपये में गिरावट को थामने के लिए कदम उठा रहे हैं. बाजार नियामक सेबी ने भी कल मुद्रा डेरिवेटिव कारोबार में बड़े पैमाने पर हो रही सटोरिया गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिये सौदे के नियमों को सख्त कर दिया.
सेबी ने एक सकुर्लर जारी कर कहा है कि वह ब्रोकर और उनके ग्राहकों के लिए मुद्रा डेरिवेटिव कारोबार में होने वाले सौदो की सीमा कम कर रहा है. साथ ही डालर-रुपया अनुबंधों के मामले में मार्जिन भी दोगुना कर दिया गया है. माना जा रहा है कि मुद्राओं के वायदा कारोबार में बड़े सौदों से भारतीय मुद्रा पर दबाव बढा है.
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