बीजिंग : कश्मीर में जारी हिंसा पर भारत के दोनों पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान घडियाली आंसू बहाने का काम कर रहे हैं. आतंकी बुरहान की मौत पर 19 जुलाई को जहां पाकिस्तान ने काला दिवस मनाया, वहीं चीन ने कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि इस घटना को सही ढंग से संभाला लिया जाएगा. भारत में नाराजगी पैदा करने वाले बयान में चीन ने सोमवार को कहा कि वह कश्मीर में झडपों में लोगों के मारे के जाने से चिंतित है तथा वह उम्मीद करता है कि हालात को ‘सही ढंग से संभालेंगी’ और ‘संबंधित पक्ष’ बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण ढंग से मुद्दा निवारण करंगे.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, ‘‘चीन ने संबंधित खबरों का संज्ञान लिया है. हम झडपों में लोगों के हताहत होने को लेकर समान रुप से चिंतित हैं तथा उम्मीद करते हैं कि इस घटना को सही ढंग से संभाला जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर का मुद्दा इतिहास से जुडा है. चीन का निरंतर एक ही रुख बना हुआ है. चीन आशा करता है कि संबंधित पक्ष शांतिपूर्ण ढंग से इस मुद्दे का समाधान निकालेंगे.’
लू का बयान जानकारों के लिए हैरान करने वाला है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में किसी भी घटनाक्रम पर चीन विरले ही टिप्पणी करता है. बीते आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में प्रदर्शन कारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झडपें हुई थी. हिंसा में 39 लोगों की मौत हुई है.
कल राज्यसभा में इस मामले को लेकर चर्चा हुई जिसमें सभी दल ने एक स्वर में इस हिंसा की निंदा की और वहां के युवाओं को इससे दूर रहने को कहा.