एप्पल, चमड़े के हैंडबैग और दूसरे सामान बनाने वाली एक चीनी कंपनी के ख़िलाफ़ ‘आईफोन’ नाम के इस्तेमाल का केस हार गई है.
सरकारी अख़बार लीगल डेली के मुताबिक़ बीजिंग म्यूनिसिपल हाई पीपल्स कोर्ट ने शिन्टूंग टिएंडी टेक्नोलॉजी के पक्ष में फ़ैसला सुनाया है.
शिन्टूंग टिएंडी ने अपने चमड़े के सामान पर साल 2010 से ‘आईफोन’ नाम का इस्तेमाल शुरू किया था.
एप्पल ने साल 2002 में अपने इलेक्ट्रॉनिक सामान के लिए ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन की बोली लगाई थी लेकिन इसे साल 2013 में मंजूरी मिली.
शिन्टूंग टिएंडी हैंडबैग्स, मोबाइल फोन कवर और दूसरे चमड़ों के सामान ‘आईफ़ोन’ ट्रेडमार्क के साथ बेचता है.
एप्पल कोर्ट में ये साबित नहीं कर पाया कि वो शिन्टूंग टिएंडी के ट्रेडमार्क आवेदन से पहले चीन में जाना माना ब्रैंड बन गया था.
एप्पल ने चीन में आईफ़ोन की बिक्री साल 2009 में शुरू की थी.
कोर्ट का फ़ैसला ऐसे वक़्त पर आया है जब एप्पल को पिछली तिमाही में भारी घाटा हुआ है.
चीन में एप्पल की बिक्री में 26 फ़ीसदी की कमी आई है. एप्पल को चीन में दूसरे कामों में भी दिक्क़तें आ रही हैं.
मार्च में बीजिंग में एक क़ानून पारित हुआ जिसके तहत चीन में दिखाए गई सभी सामग्री को चीन स्थित सवर्स पर डालना ज़रूरी है.
इसकी वजह से एप्पल ने चीन मेें आई बुक्स और आई ट्यूंस को बंद कर दिया गया.
एप्पल के लिए चीन दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार है.
पिछले हफ़्ते अरबपति निवेशक कार्ल इकाहन ने चीन में कंपनी के भविष्य पर चिंता जताते हुए अपने सभी शेयर्स बेच दिए थे.
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