सीरिया पर नज़र रखने वालों का कहना है कि एक शरणार्थी शिविर पर हुए हवाई हमले में कम से कम 30 लोग मारे गए हैं.
ये हमला उत्तरी सीरिया के विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाले इलाक़े में किया गया है.
सोशल मीडिया पर शेयर की गईं तस्वीरों में इदलिब प्रांत के सरमादा के नज़दीक स्थित कामूना कैंप में बर्बाद हुए टेंट दिख रहे हैं.
कुछ रिपोर्टों के मुताबिक़ ये हमला सीरियाई या रूसी लड़ाकू विमानों ने किया है.
हालांकि इन रिपोर्टों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.
रूस और अमरीका के दवाब के बाद सीरियाई सेना और ग़ैर जेहादी विद्रोही गुट अलेप्पो के इर्द-गिर्द इलाक़े में अस्थाई संघर्षविराम के लिए तैयार हो गए थे.
सीरिया में फ़रवरी से समूचे देश में संघर्षविराम लागू है, लेकिन हाल के दिनों में हमले बढ़े हैं.
ख़ासतौर पर बीते दो सप्ताह में अलेप्पो में तीन सौ से ज़्यादा लोग मारे गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि यदि ये हिंसा नहीं रुकी तो क़रीब चार लाख और लोगों को तुर्की भागने पर मजबूर होना पड़ सकता है.
कामूना कैंप तुर्की की सीमा से दस किलोमीटर और सरमांदा से चार किलोमीटर दूर है.
ब्रिटेन स्थित सीरिया पर नज़र रखने वाले संगठन सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स का कहना है कि कैंप पर हुए हवाई हमले में बच्चे और महिलाएं भी निशाना बनीं.
स्वयंसेवक राहतकर्मियों के एक समूह द सीरियन सिविल डिफ़ेंस ने भी हताहतों की तादाद इतनी ही बताई है.
अमरीका ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि कैंप में रह रहे लोग बेहद मुश्किल हालात में हैं और इन पर सैन्य हमले का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जा सकता है.
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