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परेशानी. पूर्व की सूची साइट पर डाल रहा निगम

बर्थ सर्टििफकेट के लिए अब करना होगा इंतजार नगर िनगम ने जन्म प्रमाणपत्र ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहले यह पांच से सात िदनों में बन जाता था, अब कम से कम एक पखवारा या महीनों लग सकते हैं. पूर्णिया : अगर आपको जन्म प्रमाणपत्र बनाना है, तो आपको कम से कम […]

बर्थ सर्टििफकेट के लिए अब करना होगा इंतजार

नगर िनगम ने जन्म प्रमाणपत्र ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहले यह पांच से सात िदनों में बन जाता था, अब कम से कम एक पखवारा या महीनों लग सकते हैं.
पूर्णिया : अगर आपको जन्म प्रमाणपत्र बनाना है, तो आपको कम से कम एक पखवाड़ा या फिर महीनों इंतजार करना होगा. मुश्किल यह है कि नगर निगम अब जन्म प्रमाणपत्र को ऑनलाइन कर पूर्व सूची को निगम की वेबसाइट पर अपलोड करने लगा है. बदलते समय में जब सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है तो यह भी ठीक है. लेकिन परेशानी यह है कि जहां एक तरफ अंचल कार्यालयों में आज भी मैनुअल आवेदन दिये जा रहे हैं,
वहीं निगम में यह कार्य ऑनलाइन सिस्टम के तहत हो रहा है, वह भी अभी पुराने जाति प्रमाणपत्रों का. ऐसे में सभी हैरान व परेशान हैं. हालात यह है कि 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा चल रही है. नामांकन के दौरान छात्रों को जन्म प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ेगी. शादी के बाद नये जोड़ों को हनीमून पर जाने के लिए पासपोर्ट बनाना है तो उन्हें जन्म प्रमाणपत्र की भी आवश्यकता है. लेकिन वर्तमान में अंचल कार्यालय से लेकर नगर निगम तक जो हालात बने हैं, उससे जन्म प्रमाणपत्र बनवाना किसी मुसीबत से कम नहीं है.
यह भी है मुसीबत : जन्म प्रमाणपत्र के राह में फिलहाल परीक्षा ड्यूटी भी मुसीबत बना हुआ है. एक तरफ जो बच्चे परीक्षा में शामिल है, उनके अभिभावक अच्छे कॉलेज में उनके नामांकन के लिए पहले से कागजात तैयार करने में लग गये हैं. जाति और जन्म प्रमाणपत्र का आवेदन अंचल कार्यालय में देकर चक्कर काट रहे हैं. कहीं सांख्यिकी प्रभारी नहीं है तो कहीं संबंधित अधिकारी नहीं. हालात यह है कि प्रमाणपत्रों को देखते हुए इस दिशा में प्रभारी भी नियुक्त नहीं किया गया है. अलबत्ता अंचल में पखवाड़ा बीत रहा है. लोग चक्कर काट रहे हैं. साहब परीक्षा ड्यूटी में मुस्तैद है.
बिना सिस्टम बनाये लागू कर दिया नियम : ऑनलाइन सिस्टम को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. उपभोक्ता अर्चना राय, राधिका देवी सहित कई लोगों का कहना था कि ऑनलाइन की सुविधा परेशानी का सबब बन गया है. अगर निगम को ऑनलाइन का नियम लागू करना ही था तो अंचल कार्यालय से निगम तक किया जाना चाहिए. इससे परेशानी और बढ़ी है. वार्ड पार्षद सरिता राय का कहना है कि पहले पुरानी सूची को सूचीबद्ध कर नये प्रमाणपत्रों को मैनुअल ही जारी करना चाहिए था, ताकि उपभोक्ता परेशान नहीं हों, लेकिन ऐसा नहीं िकया गया.
जन्म प्रमाणपत्र में पखवारा या महीने का वक्त
यहां फंसा पेच
नगर निगम की वेबसाइट पर ऑनलाइन फर्म भरने वालों को अंचल कार्यालय में मैनुअल फर्म भर कर देना पड़ता है. फर्म ऑनलाइन भरने के बाद जो पेपर उपभोक्ता अंचल में जमा करते हैं, वह निगम तक मैनुअल पेपर में ही आता है, जिसे निगम के साइट पर पुन: अनलोड कराना पड़ता है. समस्या तो यह है कि निगम पुरानी सूची को अपलोड करने में व्यस्त है. महज दो ही सिस्टम के साथ ऐसे नया फर्म भरने वालों के लिए समय पर प्रमाणपत्र मिलना मुश्किल साबित हो रहा है.
और बढ़ गयी समस्या
बढ़ रही है परेशानी उपभोक्ता हलकान
आनन-फानन में निगम द्वारा जन्म प्रमाणपत्र को ऑनलाइन करने से समस्या और बढ़ गयी है. पहले जहां पांच से सात दिनों में जन्म प्रमाणपत्र बन जाता था, वहीं अब एक पखवाड़ा या फिर महीनों लगने लगा है. उपभोक्ताओं को जहां सुलभ व सरल व्यवस्था का उदाहरण दिया जा रहा है, वहीं मैनुअल और ऑनलाइन फर्म के चक्कर में उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं, बल्कि समय पर उन्हें जन्म प्रमाणपत्र भी नहीं मिल पा रहा है.

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