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प्रस्ताव मिले तो दुर्गापुर में ऑनर्स शुरू

सार्थक रुख : हिंदी की पढ़ाई को लेकर पूरी तरह से गंभीर है काजी नजरूल विश्वविद्यालय हिंदी माध्यम शिक्षा विकास मंच का शिष्टमंडल मिला कुलपति से विभिन्न मुद्दों पर बनी जटिलता रखी सामने, पहल का आश्वासन आसनसोल : काजी नजरूल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साधन चक्रवर्त्ती ने कहा कि कॉलेज स्तर से प्रस्ताव मिलते ही […]

सार्थक रुख : हिंदी की पढ़ाई को लेकर पूरी तरह से गंभीर है काजी नजरूल विश्वविद्यालय
हिंदी माध्यम शिक्षा विकास मंच का शिष्टमंडल मिला कुलपति से
विभिन्न मुद्दों पर बनी जटिलता रखी सामने, पहल का आश्वासन
आसनसोल : काजी नजरूल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साधन चक्रवर्त्ती ने कहा कि कॉलेज स्तर से प्रस्ताव मिलते ही दुर्गापुर स्थित माइकल मधुसूधन मेमोरियल कॉलेज व दुर्गापुर वूमेंस कॉलेज में हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई शुरू करने की पहल की जायेगी. उन्होंने गुरुवार को अपने कक्ष में हिंदी माध्यम शिक्षा विकास मंच के प्रतिनिधि मंडल के साथ चर्चा में यह आश्वासन दिया.
बैठक में डीन डॉ सजल भट्टाचार्या व मंच के शिष्टमंडल में डॉ राजेंद्र शर्मा, डॉ अरुण पांडेय, मीना कुमारी व डॉ अरविंद मिश्र शामिल थे. शिष्टमंडल ने विश्वविद्यालय व कॉलेज स्तर पर हिंदी विभागों से संबंधित विभिन्न समस्याओं को उनके समक्ष रखा तथा उनसे पहल की अपील की.
शिष्टमंडल के सदस्यों ने कहा कि दुर्गापुर में हिंदी माध्यम उच्च माध्यमिक स्कूलों की बड़ी संख्या होने के बाद भी शहर के किसी भी कॉलेज में हिंदी में ऑनर्स की पढ़ाई नहीं होती है. इसके कारण स्टूडेंट्स को अन्य शहरों में जाना पड़ता है या पास कोर्स की पढ़ाई करनी पड़ती है.
माइकल मधुसूधन मेमोरियल कॉलेज तथा दुर्गापुर वूमेंस कॉलेज में हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई शुरू की जानी चाहिए. कुलपति डॉ चक्रवर्त्ती ने कहा कि इन दोनों कॉलेजों से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है. प्रस्ताव मिलते ही इस दिशा में पहल की जायेगी.
हिंदी में शीघ्र मिलेगा सिलेबस
डॉ चक्रवर्त्ती ने कहा कि हिंदी माध्यम कॉलेज बीबी कॉलेज (हिंदी शिफ्ट) में छात्रों को हिंदी में सिलेबस शीघ्र उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि यूजी काउंसिल का शीघ्र गठन किया जायेगा. इसके साथ ही हिंदी में सभी विषयों के सिलेबस उपलब्ध का दिये जायेंगे. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सिलेबस से जुड़ी पुस्तकों व अन्य सामग्रियों को भी उपलब्ध कराने की पहल की जायेगी.
इसमें सभी संबंधित पक्षों से सहयोग लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस कॉलेज के लिए 18 पूर्णकालिक शिक्षकों के पदों की मंजूरी मिली है. उनके नियोजन की प्रक्रिया में रोस्टर संबंधित गतिरोध को दूर करने के लिए शीघ्र ही कॉलेज के टीचर इंचार्ज डॉ अमलेश चटर्जी के साथ वे स्वयं बैठक करेंगे. कॉलेज के छात्रों के निबंधन के मुद्दे पर बने गतिरोध को दूर कर लिया गया है. डॉ चटर्जी के साथ चर्चा हुयी है. औपचारिकता पूरी होते ही गतिरोध दूर हो जायेगा.
कम संख्या का कारण बनी जटिलता
शिष्टमंडल ने बीबी कॉलेज में संचालित हिंदी के स्नातकोत्तर केंद्र में कम छात्रों के नामांकन पर चिंता जतायी. कुलपति डॉ चक्रवर्त्ती ने कहा कि सभी आवेदकों को नामांकन के लिए ऑफर दिया गया था. लेकिन कम संख्या में छात्रों ने नामांकन लिया है. उन्होंने कहा कि कई कारणों से यह स्थिति उत्पन्न हुई है.
सभी विभागों में कम संख्या में नामांकन हो सका है. विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी गंभीरता से इसका विश्लेषण कर रहा है. अगले सत्र से इन जटिलताओं को दूर कर लिया जायेगा. उन्होंने शिष्टमंडल से आग्रह किया कि वे भी अपने सुझाव लिखित दें ताकि अगले सत्र में इसे पूरी तरह से सुधार लिया जाये. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने कॉलेज सेंटर व विश्वविद्यालय के बीच समानता लाने के लिए कुछ पहल की है तथा नामांकन विश्वविद्यालय में लिया है.
लेकिन इस मद में ली गयी राशि कॉलेजों को प्रषित कर दी जायेगी ताकि स्टूडेंट्स पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े. आंतरिक परीक्षा के मामले में भी पहल की गयी है. कॉलेज सेंटरों के स्टूडेंट्स की परीक्षा कॉलेज में ही होगी लेकिन मॉनीटरिंग विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष संबंधित कॉलेज के शिक्षकों के समन्वय से करेंगे. इस मामले में निर्देश जारी किया गया है तथा शीघ्र सभी कॉलेज सेंटरों को आधिकारिक सूचना भेज दी जायेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि कम संख्या में नामांकन से कॉलेज सेंटर के अस्तित्व को कोई खतरा नहीं है.
पांच गैर शिक्षक पदों के लिए मांगा आवेदन
आसनसोल. हिंदी माध्यम कॉलेज बीबी कॉलेज (हिंदी शिफ्ट) के पांच गैर शिक्षक पद के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. 30 नवंबर तक कॉलेज कार्यालय में आवेदन जमा करना है.
कॉलेज सूत्रों ने बताया कि बोटनी लैब सहायक के दो पद, जूलॉजी लैब सहायक के एक पद तथा क्लर्क के दो पदों के लिए आवेदन मांगे गये हैं. आवेदकों के लिए हिंदी में बातचीत करने की अनिवार्य शर्त्त रखी गयी है. बोटनी लैब सहायकों के दो पदों में से एक पद सामान्य तथा दूसरा पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. जूलॉजी लैब सहायक का पद सामान्य है. जबकि क्लर्क के लिए एक पद सामान्य व दूसरा पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. आवेदकों की उम्र 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच रखी गयी है.
अनुसूचित जाति/ जनजाति के लिए उम्र में पांच वर्ष तथा ओबीसी के लिए उम्र में तीन वर्ष की छूट दी गयी है. लैब सहायकों के लिए आठवीं पास तथा क्लर्क के लिए स्नातक तथा सरकारी संस्थान से कम्प्यूटर कोर्स अनिवार्य है. नियुक्ति के लिए परीत्र में प्राप्त अंकों के आधार पर पैनल तैयार किया जायेगा. इसके बाद साक्षात्कार के लिए बुलाया जायेगा. साक्षात्कार की तिथि तय नहीं की गयी है.
तेरह स्टूडेंट्स के लिए ऐतिहासिक पहल
कुलपति डॉ चक्रवर्ती ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन स्टूडेंट्स के भविष्य को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील है. शिक्षा के स्तर को बनाये रखने के लिए कई पहल की गयी है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा में शामिल होने के लिए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य कर दिया है.
बीसी कॉलेज में संचालित अंग्रेजी के स्नातकोत्तर केंद्र के चौथे सेमेस्टर के तेरह स्टूडेंट्स की उपस्थिति काफी कम पायी गयी. जांच में पाया गया कि इस कम उपस्थिति के लिए कई कारण जिम्मेवार हैं. न्हें परीक्षा में शामिल कराने के लिए उच्च शिक्षा विभाग से निर्देश मांगा गया. लेकिन उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं मिल सकी.
जिसके कारण वे फाइनल परीक्षा में शामिल नहीं हो पाये. लेकिन इन स्टूडेंट्सों के भविष्य को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभिनव पहल की. सभी स्टूडेंट्स के लिए विश्वविद्यालय कैंपस में तीन माह तक स्पेशल क्लासेज की व्यवस्था की गयी. सभी ने इसमें भाग लिया. इनका एक वर्ष बर्बाद न हो, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने इनकी परीक्षा के लिए अलग से व्यवस्था की है. नये प्रश्नपत्र तैयार किये गये हैं.
इसमें डीन सह अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर डॉ सजल भट्टाचार्या की निर्णायक भूमिका रही. इन स्टूडेंट्स की परीक्षा 30 अक्तूबर से शुरू होगी तथा छह नवंबर को इसका समापन होगा. इनका रिजल्ट 20 नवंबर को प्रकाशित कर दिया जायेगा, ताकि पहले संपन्न हुई परीक्षा के रिजल्ट से अधिक विलंब न हो तथा वे हर प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो सके.
शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी शीघ्र
कुलपति डॉ चक्रवर्त्ती ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन हिंदी के प्रति पूरी तरह से गंभीर है. तेरह में से तीन विषयों में प्रोफेसर की नियुक्ति की गयी है. इनमें से एक विभाग हिंदी है. हिंदी विभाग के लिए एसोसिएट प्रोफेसर व सहायक प्रोफेसर के लिए शीघ्र साक्षात्कार लिया जायेगा.
दोनों के एक-एक पद के लिए नियुक्ति होनी है. उन्होंने कहा कि भले ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालयों में सभी विभागों में सात शिक्षकों का प्रावधान किया है. लेकिन पिछले प्रशासन ने हर विषय में चार-चार शिक्षकों का प्रस्ताव दिया था तथा उसी को मंजूर कर प्रक्रिया शुरू की गयी है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए ही विभाग में तीन गेस्ट टीेचर रखे गये हैं. लेकिन शीघ्र ही स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति कर ली जायेगी.

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