पटना : बिहार चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के लिए तूफानी प्रचार आज थम गया. इस दौरान प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों ने अपने विकास के नारे को काफी हद तक एक तरफ रखकर आरक्षण के गर्मागर्म मुद्दे पर एक दूसरे पर निशाना साधा. दशहरा के मौके पर कुछ देर के लिए रुके राजनीतिक विरोधी एक बार फिर पूरी ताकत से मैदान में उतर आए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रहनुमाई में राजग और दूसरे खेमे में खड़े जदयू, राजद और कांग्रेस ने प्रचार के दौरान एक दूसरे को ऐसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश की, जिनका बिहार से ज्यादा कुछ लेना देना नहीं है.
प्रचार के दौरान महागठबंधन ने दावा किया कि नरेन्द्र मोदी सरकार एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण समाप्त करने जा रही है, जिसका प्रधानमंत्री ने प्रचार के अंतिम दिन आज माकूल जवाब दिया. इस दौरान हरियाणा के फरीदाबाद में दलित परिवार को जलाने, इसपर केंद्रीय मंत्री वी. के. सिंह की कुत्ते वाली टिप्पणी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक तांत्रिक से मिलने का वीडियो आदि चुनाव प्रचार को मसालेदार बनाने वाले मुद्दे रहे.
एक स्टिंग वीडियो में जदयू विधायक सत्यदेव सिंह को एक व्यापारी से कथित घूस लेते हुए दिखाया जाना भी मोदी और उनके राजग सहयोगियों को महागठबंधन पर निशाना साधने की वजह दे गया. छपरा, नालंदा और पटना में कल रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने नीतीश-लालू जोड़ी को प्रतिगामी एजेंडे और 18वी शताब्दी की मानसिकता वाले नेता बताया. उन्होंने तांत्रिक विवाद पर कुमार को आड़े हाथों लिया और कहा कि राजद प्रमुख ‘‘राष्ट्रीय जादू टोना’ पार्टी की अगुवाई कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने भी बिना समय गंवाए जवाबी हमला किया और ट्वीट कर कहा, ‘‘बिहार की जनता शाह और उनके आका मोदी को इन चुनावों में लोकतांत्रिक शक्तियों की ताकत का एहसास करा देगी, वह अपनी निश्चित हार देखकर घबराए हुए हैं.
आरक्षण मामले पर चहुंओर से आलोचना से घिरे मोदी ने आज जवाबी हमला बोला और महागठबंधन पर एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण के हिस्से का पांच प्रतिशत भाग हड़पने और उसे ‘एक समुदाय’ को देने की साजिश रचने का आरोप लगाया. मोदी ने पिछडी जातियों के वोटों के ध्रुवीकरण के महागठबंधन के प्रयासों को बेअसर करने के लिए यह दांव चला.
नवरात्र के दौरान उपवास करने वाले प्रधानमंत्री मोदी प्रचार के अंतिम दो दिनों में राज्य के चुनावी महासमर में वापस लौटे. इस दौरान जदयू नेता नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद भाजपा विरोधी गठबंधन की कमान संभाले रहे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक-एक दिन राज्य का दौरा किया और मोदी को निशाना बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित रखा. भाजपा की तरफ से कई केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, वेंकैया नायडू, जे. पी. नड्डा और अनंत कुमार ने कई स्थानों पर प्रचार किया, जबकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पटना में ही डेरा जमाए रहे और उन्होंने भी कई रैलियों को संबोधित किया.
छह जिलों पटना, वैशाली, सारण, नालंदा, भोजपुर और बक्सर में फैली 50 सीटों पर पांच चरण के मतदान के तीसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. 243 सदस्यीय विधानसभा की 81 सीटों पर पहले दो चरणों में मतदान हो चुका है.