जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के बोनस को लेकर वर्तमान में टॉप थ्री यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु और महामंत्री बीके डिंडा को ही निशाना पर बनाया जा रहा है. लेकिन सारे उपाध्यक्ष, सहायक सचिव व कोषाध्यक्ष अपने आपको अलग रखकर बचने की कोशिश कर रहे है.
लेकिन इन सारे आठ अधिकारियों पर क्यों नहीं दोष बनता है. सारे आठ अधिकारी जब कुछ नहीं जानते थे या किसी तरह का कोई ठोस बात उनके समक्ष नहीं हुआ था या फार्मूला की जानकारी नहीं दी गयी थी तो फिर उस पर हस्ताक्षर कैसे कर दिया. मजदूरों व कमेटी मेंबरों ने उनको उपाध्यक्ष, सहायक सचिव व कोषाध्यक्ष अपना नेतृत्व करने के लिए भेजा है, लेकिन वे लोग इन सारे पदों पर आसीन होते हुए भी चुप्पी लगाये रखे और एक नहीं तीन साल के लिए एक ऐसा बोनस समझौात कर दिया जिसमें केवल नुकसान ही नुकसान होने जा रहा है. अगर गलत समझौता हो रहा था तो क्यों नहीं हस्ताक्षर करने से अपने आपको रोका.