सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी महकमा परिषद चुनाव में चुनाव प्रचार क े अंतिम दिन नेतओं की गहमा गहमी बनी रही. दार्जिलिंग जिला वाम मोरचा द्वारा मुख्यमंत्री को प्रचार में उतरने की चुनौती देने के बाद राज्य के शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी पिछले दो दिनों से महकमा परिषद के त्रिस्तरीय चुनाव मंे तृणमूल कांग्रेस के लिए प्रचार में उतरे. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उन्होंने दो जनसभाओं को संबोधित किया.उसके बाद आज सिलीगुड़ी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिक्षांमत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि महकमा परिषद चुनाव में नागरिकों से मिल रहे समर्थन के आधार पर जीत तृणमूल कांग्रेस की ही होगी. अशोक भट्टाचार्य पर कटाक्ष करते हुए मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि जिन्हें म्यूजियम में रहना चाहिए . वह ऐसे विरोधी नेता हैं जो वाइस चांसलर के पद से नीचे गिर शिक्षक बनकर भी फिर से सत्ता में वापस आना चाहते हैं .
उन्होंने कहा कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस के मुकाबले में कोई विरोधी पार्टी ही नहीं है.वामो के 34 वर्षों के अन्धकारमय शासन के बाद राज्य की जनता ने बंगाल की बागडोर ममता बनर्जी को सौंपा है. पिछली वामो सरकार ने उत्तर बंगाल की उपेक्षा की थी. ममता बनर्जी के सत्ता में आते ही उत्तर बंगाल के लिए एक अलग मंत्रालय व नागरिकों की मांग के अनुसार सिलीगुड़ी में उत्तरकन्या मिनी सचिवालय बनाया.
राज्य सरकार के विकास मूलक कार्यों का बखान करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य सरकार को विभिन्न चुनाव के बाद सिर्फ ढ़ाई वर्ष का ही समय विकास कार्यों के लिए मिलता है एवं इन ढ़ाई वर्षों में ममता बनर्जी द्वारा किये गये विकास के काम एतिहासिक है.गौरतलब है कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद का चुनाव 14 माह पहले ही हो जाना चाहिए था लेकिन अब चुनाव कराया जा रहा है.इस विषय पर मंत्री पार्थ चटर्जी से पूछने पर उन्होेंने इसकी जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग के कंधो पर डालते हुए पूरे विषय को टाल गए. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के सत्ता में आने के बाद पहाड़ शांत है.यह अलग बात है कि गोजमुमो नेता बिमल गुरूंग ममता बनर्जी पर विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए दुर्गा पूजा से पहले या बाद में अलग राज्य को लेकर आन्दोलन की घोषणा कर चुके हैं.पार्थ चटर्जी ने कहा कि चाय बगान में पहले तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संगठन की स्थिति मजबूत नहीं थी.अब चाय श्रमिकों को अन्य ट्रेड यूनियनों की असलियत का चता चल गया है.इसलिए अब सभी तृणमूल का दामन थाम रहे हैं.उन्होंने वाम मोरचा,कांग्रेस व भाजपा पर विकास में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सभी एक साथ मिलकर तृणमूल क ा विरोध कर चुनाव लड़ रहें हैं.तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आतंक फैलाने का इनलोगों का आरोप हास्यकर है. इस तरह के आरोप लगाने से विपक्ष को कोइ फायदा नहीं होने वाला है.
इस्तीफा ना दें अध्यापक-शिक्षा मंत्री
कल्याणी विश्वविद्यालय व अलीपुरद्वार महाविद्यालय में हो रही समस्याओं पर राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने अध्यापकों से त्यागपत्र ना देकर चर्चा के माध्यम से समस्या के समाधान की अपील की.उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में तोड़फोड़ व अन्य असंवैधानिक गतिविधियों में शामिल छात्रों को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि कल्याणी विश्वविद्यालय व अलीपुरद्वार महाविद्यालय में फीस व अन्य कई समस्याओं को लेकर तृणमूल छात्र परिषद के आंदोलन से तंग आकर कल्याणी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर व अलीपुरद्वार महाविद्यालय के प्रिंसिपल ने इस्तीफा दे दिया है. सिलीगुड़ी में पत्रकारों से बात-चीत करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि दोनों शिक्षण संस्थानो के तृणमूल छात्र संगठन से घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है. इसके साथ ही छात्र संगठनों को संस्थान में शांति बनाए रखने का निर्देश दिया गया है. उन्होने बताया कि राज्य में ममता बनर्जी की सरकार बनने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है. पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ साथ शिक्षा सत्र मेंभी बदलाव किया गया है.विकास के पथ में रोड़ा बनने वाले किसी को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अलीपुरद्वार कॉलेज में हो रही गड़बड़ी के विषय में उन्होंने कहा कि प्राध्यापक को त्यागपत्र देने की आवश्यकता नहीं है. समस्या के कारणों का पता लगाने के लिए जिला नेतृत्व को निर्देश दिया जा चुका है. कल्याणी विश्वविद्यालय के विषय पर मंतब्य करते हुए मंत्री ने कहा कि वाइस चांसलर व छात्रों के बयानों में भिन्नता है.