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थाईलैंड विस्फोट जांच : पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गये दो भारतीय रिहा

बैंकॉक : थाईलैंड पुलिस ने देश के एक मंदिर में हुए घातक हमले के संबंध में हिरासत में लिए गए दो भारतीयों को पूछताछ करने के बाद सभी चीजें सही पाये जाने पर आज रिहा कर दिया. मंदिर में हुए इस हमले में 20 लोग मारे गये थे. सूत्रों ने कहा कि दोनों भारतीयों के […]

बैंकॉक : थाईलैंड पुलिस ने देश के एक मंदिर में हुए घातक हमले के संबंध में हिरासत में लिए गए दो भारतीयों को पूछताछ करने के बाद सभी चीजें सही पाये जाने पर आज रिहा कर दिया. मंदिर में हुए इस हमले में 20 लोग मारे गये थे. सूत्रों ने कहा कि दोनों भारतीयों के पास वैध कार्य परमिट थे. दोनों के नाम उजागर नहीं किये गये हैं. उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों ने सब कुछ सही पाया.’ ब्रह्मा मंदिर में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में गत रविवार रात को उन दो भारतीयों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था जो धमाके के एक विदेशी संदिग्ध से बातचीत करते हुए सीसीटीवी में कैद हुए थे.

इस विस्फोट में 20 लोगों की मौत हो गयी थी और 100 अन्य लोग घायल हो गये थे. सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के लिए पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गये दोनों व्यक्तियों के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाये गये हैं. पुलिस को बम बनाने वाली सामग्री जिस कमरे में मिली थी, दोनों भारतीय उसके बगल के कमरे में रह रहे थे. भारतीय सुरक्षा बलों ने दोनों व्यक्तियों की पृष्ठभूमि की भी जांच की. ये दोनों व्यक्ति जम्मू कश्मीर और कर्नाटक के रहने वाले है. बैंकॉक विस्फोट के मामले में पुलिस अब तक 12 संदिग्धों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुकी है.

इनमें से दो को गिरफ्तार किया जा चुका है जिनसें से एक संदिग्ध के पास चीन का पासपोर्ट था. गिरफ्तार किये गये दोनों संदिग्ध विदेशी हैं. पुलिस और सैन्य अधिकारियों के एक संयुक्त बल ने गत रविवार को मीनबुरी जिले के निमित माई इलाके में कई अपार्टमेंट इमारतों और किराये के मकानों में छापा मारा. मिन बुरी थाने के प्रभारी एवं मेट्रोपोलिटन पुलिस के उप कमांडर कोलोनर वट्टाना यिचिन ने कहा कि अपराधों पर अंकुश लगाने के उपायों के तहत छापामारी की गयी थी क्योंकि इलाके में कई लोग विदेशियों को किराये पर अपार्टमेंट या मकान देते हैं.

इस बीच कंबोडिया की सीमा के निकट से गिरफ्तार किये गये संदिग्ध ने सेना की पूछताछ में बताया कि उसने बम रखने वाले हमलावर के लिए बम तैयार किया था. इस संदिग्ध की पहचान यूसुफ मेराली के रूप में हुई है. बम रखने वाला हमलावर अभी तक पकड में नहीं आया है. इस मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किये गये एडम कर्डाक उर्फ बिलाल मोहम्मद को सेना की हिरासत से जेल भेज दिया गया है. मेराली (25) ने हमले के मास्टरमाइंड की पहचान इजान के रूप में की है. मेराली ने कहा कि इजान ने व्हाट्सऐप चैटिंग का इस्तेमाल करके इस हमले का फरमान जारी किया और इसे अंजाम दिलवाया. सूत्रों के अनुसार मेराली ने बताया कि इजान विस्फोट से एक दिन पहले 16 अगस्त को थाईलैंड से हवाई मार्ग से चीन भाग गया और फिर वहां से बांग्लादेश चला गया.

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