रांची/पटना: पीएलएफआइ का सक्रिय सोनू पटना में बड़ा धमाका कराना चहाता था. उसने सीरियल ब्लास्ट की प्लानिंग कर रखी थी. सोनू सहयोगियों के साथ वारदात को अंजाम देने में लगा था. संयोग अच्छा था कि बम देखने में चूक हुई और बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी के फ्लैट में ब्लास्ट हो गया. इसके बाद परत-दर-परत प्लानिंग की गांठ खुलती गयी. जुलाई में पटना के ही आरके नगर के लॉज से भारी मात्रा में विस्फोटक और 12 केन बम और बरामद किये गये थे. अब सोनू की रांची में गिरफ्तारी होने के बाद उससे पूछताछ के बाद यह साफ हो पायेगा कि आखिर यह सब किसके इशारे पर हो रहा था.
रांची के गुरुनानक अस्पताल से सोनू की गिरफ्तारी हुई है. झारखंड में लगातार तबाही मचाने व लेवी वसूलने वाले प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआइ का दबदबा बिहार में भी कायम हो, इसके लिए गणेश व बड़ा भाई चुहवा ने प्लानिंग की थी. सोनू व साथी कुंदन, सुगंध, कमलेश, विक्की, अभिषेक उसके इशारे पर काम कर रहे थे. सोनू को केन बम, टाइमर और भारी मात्रा में विस्फोटक रांची से ही मुहैया कराया गया था. विस्फोटक दिलाने में गणेश व चुहवा सूत्रधार थे. लेकिन, इन दोनों के ऊपर कौन से चेहरे काम कर रहे हैं, इसका पता अब तक नहीं चल सका है. गिरफ्तारी के बाद अब इसका खुलासा हो सकता है, क्योंकि पटना में जब सोनू के सहयोगी कुंदन राय की गिरफ्तारी हुई थी, तो उसने बताया था कि बम कहां लगाना था. इसकी जानकारी सिर्फ सोनू को थी.
पैसा कमाना चाहता है सोनू
22 वर्षीय सोनू खूब पैसा कमाना चाहता था. उसके हम उम्र सहयोगी और पूरा गैंग पहले पटना और फिर पूरे बिहार में पांव जमाना चाहता था. झारखंड के पीएलएफआइ ने इस गैंग को प्रभावित किया, तो ये लोग जुड़ गये. उनकी योजना साजिश पटना में बड़ा धमाका कर यहां दहशत फैलाने की थी. इसके बाद व्यवसायियों से लेवी वसूलना चाहते थे. इसके लिए सिमडेगा से सोनू व उसके साथी झाेले में बम लेकर आये थे.
धमाके के वक्त था फ्लैट में
30 मार्च, 2015 की रात बहादुरपुर हॉउसिंग कॉलोनी के फ्लैट में अचानक बम विस्फोट हुआ था. घटना के बाद सोनू और अन्य अपराधी वहां से भाग निकले थे. लेकिन इस दौरान उनकी बाइक छूट गयी थी. बाइक के माध्यम से नालंदा के शिक्षक हेमंत की पहचान हुई. बाद में कुंदन का नाम आया. हिलसा निवासी कुंदन को पुलिस ने गिरफ्तार किया. धीरे-धीरे पांच लोग धराये. सभी सोनू के इशारे पर काम करनेवाले थे.